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दोस्तों आज सात्विक जीवन का साक्षात्कार कराती डायरी के 56 वें भाग से आपका परिचय करवाने जा रही हूँ। पिछले भाग में आप मेरी डायरी के पन्नों में संजोये लेख 12 आयुर्वेदिक कोल्ड ड्रिंक रेसिपीज गर्मियों में जरूर ट्राई करें की जानकारी से परिचित होने के सफर में शामिल हुए थे। आप सभी के स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ।इस भाग में “ध्यान साधना से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ने का प्रमाण” से सम्बंधित जानकारी से आपका परिचय करवा रहीं हूँ।
What is Meditation? ध्यान क्या है?
ध्यान मन को साधने की एक क्रिया है। मन की गति वायु की गति से भी तेज है, ये एक क्षण में लोक -परलोक की यात्रा करवाने में सक्षम है। मन में उठने वाले सैकड़ों विचारों से उत्पन्न इच्छाओं की पूर्ति करने में मानव आजीवन असफल रहता है। परिणामस्वरूप दुःख, लोभ, मोह -माया आदि भावों में उलझ कर दुखी रहता है। अतः प्राचीन काल से हमारे ऋषि -मुनियों ने दुःख पर विजय प्राप्त करने के लिए मन को स्थिर करने की तकनीक का उपयोग करते रहें हैं। इसी तकनीक को ध्यान साधना कहते हैं।
My experience of increasing Brain Power through Meditation ध्यान साधना से
मस्तिष्क की शक्ति बढ़ने का मेरा अनुभव
ध्यान मस्तिष्क के लिए व्यायाम का कार्य करता है। ध्यान साधना के दौरान विचारों की गति को शुन्यता के स्तर तक पहुँचाने का अभ्यास किया जाता है। इस अभ्यास के दौरान विचार उत्पन्न होने की गति बहुत कम होने लगती है। जिससे मस्तिष्क शाँत होने लगता है। जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षति का क्रम नियंत्रित होने में मदद मिलती है।
इसके अतिरिक्त ध्यान से पहले प्राणायाम करने के दौरान बाएं नासिका छिद्र से श्वाँस लेने पर दाहिना मस्तिष्क सक्रीय होता है और दाहिने नासिका छिद्र से श्वांस लेने पर बायाँ मस्तिष्क सक्रीय होता है। इस प्रकार निरंतर ध्यान का अभ्यास करने से व्यक्ति में रचनात्मक और तार्किक दोनों प्रकार की मानसिक शक्तियों का विकास हो जाता है।
इस बात के प्रमाण का मेरा अनुभव यहाँ शेयर कर रही हूँ – ध्यान साधना के लगभग चार महीने पुरे हुए होंगे। मैं अपने प्रतिदिन के नियमानुसार सुबह रात में भिगाए हुए बादाम के छिलके उतार रही थी। तभी मेरा ध्यान गया कि मैं बादाम के छिलके बाएँ हाथ से उतार रही हूँ। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं बायें और दाहिने दोनों हाथों से कार्य सामान क्षमता से करने मैं समर्थ हो गयी हूँ। ध्यान करने से पहले मुझे बाएं हाथ से कार्य करने में विशेष ध्यान देना पड़ता था।
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल (एमजीएच) के शोध में सत्यापित किया है कि “प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट ध्यान के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क संरचना के हिप्पोकैम्पस में ग्रे मैटर वाले आकार में वृद्धि होती है।” जो कि भावनाओं को नियंत्रित करने, यदादाश्त बढ़ाने और सीखने की क्षमता, सजगता और एकाग्रता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
शोधकर्ताओं ने लगातार आठ सप्ताह तक ध्यान का अभ्यास करने के बाद टीम के सभी सदस्यों के मस्तिष्क का एमआरआई ( Magnetic resonance imaging) करवाने पर पाया कि ध्यान करने से पहले के मुकाबले ध्यान करने के बाद उनके मस्तिष्क की संरचना के हिप्पोकैम्पस में ग्रे मैटर वाले आकार में वृद्धि हो चुकी है।
सन्दर्भ :
ध्यान से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ने का प्रमाण प्रस्तुत करने वाले शोध का लिंक
मेरे ध्यान सम्बन्धी अनुभव[2] पढने के लिए लिंक पर क्लिक करिए।
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