अमरुद की पत्तियों, पेड़ के छाल, और फल का उपयोग प्राचीन काल से आयुर्वेद में औषधि के तौर पर किया जाता रहा है। पोषक तत्वों से भरपूर एवं औषधीय गुणों की खान होने के कारण आयुर्वेद में इसे अमृतफल कहा गया है।
अमरुद के पेड़ की पत्तियों में अनेक प्रकार के फाइटोकेमिकल्स,पॉलीसेकेराइड्स, विटामिन एवं मिनरल्स की मात्रा पायी जाती है। जिसके कारण इसे अनेक रोगों के उपचार के लिए औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
अमरुद की खेती पुरे भारत में की जाती है। देश के विभिन्न प्रदेश के क्षेत्रीय भाषाओं में अमरुद को अलग -अलग नामो से जाना जाता है। यह एक स्वादिष्ट फल होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसकी तासीर ठंडी और स्वाद मीठा होता है। आइये जाने इस लेख के माध्यम से अमरुद की पत्तियों के असरदार घरेलू उपचार की जानकारी।
Names in other Languages अन्य भाषाओ में नाम
वानस्पतिक नाम – पसीडियम गुअजवा (Psidium guajava)
संस्कृत – अमृतफलम, बीजपूरम
हिंदी – अमरुद, जामफल
उर्दू – अमरुद
तमिल – कोय्या (koyya)
तेलगु – जामा (jama)
मलयालम – पेरक्का, कोय्या
अंग्रेजी – Guava
असम – मधुरियम
मराठी – जम्बा
बंगाली – पियारा
गुजराती – जामफल
Nutrient content पोषक तत्वों की मात्रा
शोध अध्ययनों से प्रमाणित हुआ है कि अमरुद की पत्तियों में मौजूद फाइटोकेमिकल्स जैसे कि क्वेरसेटिन, एविकुलरिन, एपिगेनिन, गुआजावेरिन, केम्फेरोल, हाइपरिन, माइरिकेटिन, गैलिक एसिड, कैटेचिन, एपिकचिन, क्लोरोजेनिक एसिड, एपिगैलोकैटेचिन गैलेट और कैफिक एसिड आदि कार्बनिक यौगिक की मात्रा मौजूद होती है।
इसके अतिरिक्त पतियों में पाए जाने वाले पॉलीसेकेराइड्स में विभिन्न प्रकार के जैविक और रासायनिक गुण जैसे – एंटी-डायबिटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-ट्यूमर कई प्रकार के रोगों को दूर करने एवं शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में सहायक होते हैं। जिसके कारण अमरुद की पत्तियों की चाय, अर्क एवं काढ़े का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
IJCRT.ORG के शोध आर्टिकल के अनुसार प्रति 100 ग्राम अमरूद के फल में पोषक तत्व की मात्रा निम्नलिखित है –
अमरुद की पत्तियों में विटामिन्स की मात्रा
अमरुद की पत्तियों में मिनरल्स की मात्रा
Home Remedies for Guava Leaves अमरुद की पत्तियों के घरेलू नुस्खे
- टाइप 2 डायबिटीज की दवा
अमरुद की पत्तियों की चाय मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। दरअसल पतियों के अर्क में मौजूद रासायनिक यौगिक पाचन तंत्र में कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोस में परिवर्तित करने वाले एंजाइमों की गतिविधि को रोकने में सहायक होते हैं। अतः भोजन के बाद अमरुद की चाय का सेवन करना मधुमेह नियंत्रण में प्रभावी होता है।
- हैजा/cholera की रामबाण औषधि
पतियों में जीवाणुरोधी / एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होने के कारण रोग के उपचार में असरदार होता है। आमतौर पर आदिवासी जनजातियों एवं पहाड़ी दुर्गम इलाकों में हैजा रोग के रोकथाम के लिए अमरुद की पत्तियों के अर्क अथवा कोमल पत्तियों को चबाकर खाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- दस्त /डायरिया रोग की दवा
दूषित भोजन, एलर्जी अथवा दवाओं के सेवन के कारण होने वाले दस्त को रोकने में पत्तियों के काढ़े अथवा अमरुद की छाल के चूर्ण का सेवन असरदार औषधि का काम करता है। कोमल पत्तियों के काढ़ा को खाली पेट गुनगुना सेवन करने से डायरिया रोग में चमत्कारिक रूप से लाभ होता है।
- कैंसर रोग के उपचार में सहायक
अमरुद की पत्तियों के अर्क में प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने से रोकने वाले घटक मौजूद होते हैं। इसके अतिरिक्त अमरुद के फल में लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट और कैरोटीन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। ये कार्बनिक यौगिक स्तन, प्रोस्टेट, मौखिक एवं फेफड़े के कैंसर को बढ़ने से रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
खासतौर से लाल गूदे वाले अमरुद में लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो कि स्तन कैंसर एवं प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने से रोकने में औषधि का कार्य करता है।
कैरोटीन कार्बनिक यौगिक मौखिक एवं फेफड़े के कैंसर को रोकने में प्रभावी होता है।
- एसिडिटी एवं अल्सर की दवा
अमरूद के फल और पत्तियों में सैपोनिन और फ्लेवोनोइड्स यौगिक पेट में अल्सर और एसिडिटी के उपचार उपचार में प्रभावी होते हैं। एसिडिटी के उपचार के लिए 10 -12 कोमल पत्तियों को पानी में उबाल कर चाय की तरह पीने से तुरंत आराम मिलता है।
- कब्ज दूर करने में उपयोगी
अमरुद की कोमल पत्तियों में आहार फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। जिसके कारण कोमल पत्तियों के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की समस्या से राहत पाया जा सकता है।
- सर्दी और खाँसी दूर करे
अमरुद की पत्तियों में आयरन और एसॉर्बिक एसिड की भरपूर मात्रा पायी जाती है। जो फेफड़ों में कफ जमने से रोकने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी की प्रचुर मात्रा बैक्टीरियल या वायरस से सम्बंधित संक्रमण को दूर करने और शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः खाँसी और सर्दी से राहत पाने के लिए अमरुद की पत्तियों के काढ़े अथवा चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है।
- मुँह के छाले एवं दाँत दर्द में उपयोगी
दाँत दर्द में कोमल पत्तियों को पान की तरह चबाने से आराम मिलता है। मुँह के छाले और पायरिया रोग के कारण मुँह से दुर्गन्ध आने की समस्या दूर करने के लिए कोमल पत्तियों के काढ़े में नमक मिलाकर कुल्ला करने से राहत पहुँचता है।
- घाव भरने में कारगर
अमरुद की पत्तियों के रस में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और टैनिन की मात्रा त्वचा के कटने -फटने या चोट लगने के कारण होने वाले घाव को जल्दी भरने में सहायक होते है। इसके लिए कोमल पत्तियों को पानी के साथ पीसने से तैयार लेप का प्रयोग घाव पर मरहम की तरह करने से आराम मिलता है।
अस्वीकरण :
लेख में दी गयी जानकारी वैज्ञानिक शोध अध्ययनों पर आधारित है। किन्तु किसी भी रोग के उपचार के लिए अमरुद की पत्तियों के नुस्खों को आजमाने से पूर्व डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। क्योंकि रोगी की आयु, स्वास्थ्य की स्थिति एवं मेडिकल हिस्ट्री (पूर्व में हुए रोगों के इतिहास) के आधार पर औषधि सेवन की मात्रा अलग -अलग हो सकती है।
स्त्रोत :
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/18819164/
https://www.sciencedirect.com
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5628524/
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