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Koi Gila- Shikva Na Raha कोई गिला- शिकवा न रहा

गिला-शिकवा, शाखों के पीले पत्ते, भ्रम यूँ हीं पाला था, परिहास बनी, gila, shikva, parihas, shakh, piile patte, bhram, गिला -शिकवा, शाख, पीले पत्ते, भ्रंम, परिहास, जीवन, पतझड़, patjhad, प्रेम,सरगम,...
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Zindagi जिन्दगी

zindagi, zindagi per kavita, poems on life, जिन्दगी भाग -1 जिन्दगी तुझे एकटक थकते साँझ होने को है, साँझ-ए-राज़ को राज़ हीं रहने दें, नव साज़-ए-धून में समय को बहने...