Eye exams can detect early signs of disease आँखों की जाँच से रोगों के लक्षण का पता लग सकता है

Eye exams can detect early signs of life threatening disease आँखों की जाँच से जानलेवा रोगों के शुरुआती लक्षण का पता लग सकता है
1 0
Read Time:8 Minute, 11 Second

आँखों की जाँच से रोगों के लक्षण का पता लग सकता है। दरअसल हमारी आँखों में फैली नसों की जाल रक्त वाहिकाओं में होने वाले दोषों को उजागर करने का माध्यम भी हैं। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार ‘आँखों में होने वाली समस्या का सम्बन्ध शरीर में छिपी किसी गंभीर बीमारी के प्रारंभिक लक्षण का संकेत देती हैं।’ 

एक स्वस्थ व्यक्ति को नेत्र जाँच प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल में करवाने की सलाह नेत्र विशेषज्ञ देते हैं। इसके अतिरिक्त आँखों से सम्बंधित समस्या होने पर चिकित्सक के परामर्श अनुसार आँखों की नियमित जाँच करवाने की आवश्यकता होती है। 

हमारे शरीर में आँख एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां हम आसानी से रक्त वाहिकाओं को देख सकते हैं। इन वाहिकाओं की जाँच से पुरे परिसंचरण तंत्र के स्वास्थ्य का अंदाजा लगाया जा सकता है। आइये जाने आँखों की जाँच से कुछ गंभीर रोगों के प्रारम्भिक लक्षणों को कैसे पहचाना जा सकता है ? 

 

डायबिटीज Diabetes

रेटिना की रक्त वाहिकाओं को देखकर मधुमेह रोग की पहचान की जा सकती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की स्थिति में आँख के पीछे की ऊतकों (रेटिना) में रक्त वाहिकाओं से रक्त का रिसाव होने लगता है।

परिणामस्वरूप आँखों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं –

  • धुँधला नजर आना। 
  • हवा में तैरते काले धब्बे दिखना।
  • रंगों की पहचान में कठिनाई का सामना करना।

 

हाई ब्लड प्रेशर High blood pressure

रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव अधिक होने पर उच्च रक्त चाप की समस्या होती है। परिणामस्वरूप आँखों की नसों में रक्त का बहाव तेज गति से होने की स्थिति में रेटिनोपैथी ( रेटिना में रक्त वाहिकाओं का क्षतिग्रस्त होना) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

आँखों की जाँच से हाई ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित लक्षणों का पता लग सकता है –

  • रेटिना में नसों से रक्त का स्त्राव होना।
  • धुँधला नजर आना।
  • वाहिकाओं में रक्त के थक्के जमना।
  • ऑप्टिक डिस्क (रेटिना पर गोल स्थान) में सूजन या आकार का बढ़ना।

 

कैंसर Cancer 

मेलेनोमा (रक्त का कैंसर), ल्यूकेमिया (त्वचा का कैंसर) और मस्तिष्क में ट्यूमर होने के लक्षण का पता आँखों की जाँच के दौरान लग सकता है। जो कि निम्नलिखित है –

  • रेटिना की जाँच में काले धब्बे दिखाई देना मेलेनोमा विकसित होने के शुरूआती लक्षण का संकेत हो सकता है।
  • रेटिना की नसों से रक्तस्त्राव होना ल्यूकेमिया के लक्षण का संकेत हो सकता है।
  • धुँधला नजर आना, फैली हुई ऑप्टिक डिस्क, चमकती हुई रौशनी या रंग दिखना ब्रेन ट्यूमर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।

 

थयरॉइड Thyroid

आँखों की पुतली, ऊपरी और निचली पलकों की प्रतिक्रिया में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने या महसूस करने पर थाइरोइड रोग का खतरा हो सकता है –

चिन्हों में शामिल है –

  • अधूरा और बार-बार पलक झपकना।
  •  नीचे की ओर देखने पर पलकों का झटकेदार हिलना।
  • ऊपरी पलक को उलटने में कठिनाई होना।
  • ऊपरी पलको की असामान्य रंजकता।
  • निचली पलक में सूजन।
  • कम प्रकाश में आँखों की पुतली का असामान्य फैलाव।
  • रोशनी में आँखों की पुतली में झटकेदार संकुचन होना।

 

रुमेटीइड गठिया Rheumatoid arthritis

इस रोग से प्रभावित होने की स्थिति में आँखों में निम्नलिखित लक्षण पैदा हो सकता है –

  • आँखों के सफेद भाग में सूजन होने के कारण दर्द और लालिमा की संभावना हो सकती है।
  • आँखों में सूखेपन की शिकायत होना जिससे आँखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

 

ह्रदय रोग Heart disease

आंखों की जाँच ऑप्टोमेट्रिस्ट (आँखों से सम्बंधित रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर) से नियमित करवाते रहने से ह्रदय रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता लग सकता है। दरअसल रेटिना के पीछे नसों की जाल जिसे रेटिना वैस्कुलचर के रूप में जाना जाता है, हृदय के स्वास्थ्य से निकटता से जुड़ी होती है। अतः आँखों में पैदा होने वाली समस्यायें सीधे ह्रदय एवं रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी हो सकती है। आँखों में दिखने वाले ह्रदय रोग के लक्षणों में शामिल हैं –

  • आँखों के पिछले भाग में नाजुक वाहिकाओं में रक्त स्त्राव, सूजन,आकार में संकुचन या बदलाव होना।
  • आँखों के आसपास की त्वचा के नीचे कोलेस्ट्रॉल का पीला जमाव दिखाई देना , जिसे ज़ैंथेलस्मा के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार का पीले रंग का जमाव आँखों की पलकों की त्वचा के नीचे होने पर उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर का संकेत हो सकती है।  जो कि हृदय रोग का कारण बन सकता है।

 

सिकल सेल रोग Sickle disease

यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है। इस रोग से पीड़ित लोगों में कठोर अल्पविराम के आकार की लाल रक्त कोशिकाएं विकसित होती हैं,जो पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं। आँखों में दिखाई देने वाले सिकल रोग के लक्षणों में शामिल हैं –

  •  आँखों की सतह पर लालिमा।
  •  रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण गंभीर रक्तस्राव की समस्या।
  • आँखों के अंदर रेटिना का अलग होना भी सम्भव हो सकता है। 

 

 

स्त्रोत :

braintumourresearch.org/info-support/symptoms-of-a-brain-tumour

utswmed.org/medblog/diabetic-eye-disease-how-spot-signs-early/

www.mayoclinic.org/diseases-conditions/rheumatoid-arthritis

www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC9468511/

www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2752271/

www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2049080122007592

www.foreyes.com/blog/can-an-eye-test-detect-high-blood-pressure/

 

 

अन्य लेख पढ़िए :

जानिए नाखूनों के ये 9 लक्षण सेहत के बारे में क्या कहते हैं?

जीभ के रंग से रोग के लक्षणों की पहचान

मर्दन कमजोरी का आयुर्वेदिक उपचार 

 

 

 

Eye exams can detect early signs of disease, आँखों की जाँच से रोगों के लक्षण का पता लग सकता है,         Eye exams can detect early signs of life threatening disease, आँखों की जाँच से जानलेवा रोगों के शुरुआती लक्षण का पता लग सकता है, rheumatoid arthritis symptoms in eyes, sickle disease symptoms in eye exam, heart disease symptoms and eyes test, diabetic eye disease, cancer symptoms reflects in eyes,brain tumour symptoms in eye, thyroid disease reflects in eye exam, 

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
मधुमेह नियंत्रण में उपयोगी जड़ी बूटियां Herbs for Managing Blood Sugar Level Previous post मधुमेह नियंत्रण में उपयोगी जड़ी बूटियां Herbs for Managing Diabetes

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

2 thoughts on “Eye exams can detect early signs of disease आँखों की जाँच से रोगों के लक्षण का पता लग सकता है

  1. रोग के परिचय के साथ साथ रोग के उपचार और निदान से भी अवगत कराया करें।

Comments are closed.