ye daur, ये दौर, वो दौर, दौर, ये दौर भी गुजर जाएगा , wo daur, daur bhi gujar jaayega, kabhi, kabhi socha nahi tha, corona, corona kaal par kavita,
ये दौर भी गुजर जाएगा
ये दौर भी गुजर जाएगा, वो दौर कभी बन जाएगा,
समय की अंतराल में,
बनते बिगड़ते, जीवन की धार में नैया खेते,
कहीं किसी पल में जीवन बिखर जाएगा,
समय की गर्त में फिसल जाएगा।
ये दौर भी गुजर जाएगा,वो दौर कभी बन जाएगा,
जीवन का दायरा असीम-अनंत,
कहाँ किसी दौर में समा पाएगा,
सीप के गर्भ में मोती जैसे बन समय फिर लौट आएगा,
समय अंतहीन सफर,
कहाँ कहीं ठहर पाएगा,
लम्हा दर लम्हा गुजरता जीवन का पहर,
फिर लौट हमें आजमाएगा।
ये दौर भी गुजर जाएगा, वो दौर कभी बन जाएगा,
समय का चक्र है, ऐ मन मत भरमा,
आज, कल में बदलता जाएगा,
जीवन अनवरत सफर काल की ढाल में ढलता जाएगा,
ये दौर भी गुजर जाएगा, वो दौर कभी बन जाएगा।।
प्रकृति माँ के बलशाली, शक्तिशाली सपूतों को मात दे देगा,
माँ बच्चों के लिए जान दे सकती है,
तो बच्चे भी माँ की आन पर जान कुर्बान कर सकते हैं,
माँ का उद्धार करने का दम रखते हैं।
कभी सोचा न था,
नन्हा सा माँ का लाल सर्वोच्च समझने वाले जीवों पर भारी पड़ जाएगा,
माँ की रक्षा को योद्धा बन,
बुद्धिमत्ता का दम्भ भरने वाले जीव को सबक सिखाएगा,
आज माँ का नन्हा सपूत धरती माँ का पहरेदार बना,
अब मानव की उदंडता दायरे में कैद हुयी,
जब तक माँ खुश नहीं होती, नन्हा कोरोना पहरेदार बना,
माँ की कामना पूरी कर अपने जीवन के लक्ष्य को साध रहा,
फिर माँ की गोद में थक कर सो जाएगा,
माँ भी फिर अपने पूत – सपूत में कहाँ फर्क रख पाएगी,
सब भूल कर जीवों को गले लगाएगी,
हम माँ के बच्चे हैं,
हमें हीं तो अपना दुःख बताएगी,
कभी सोचा न था,
माँ का नन्हा कोरोना इस कदर हम पर भारी पड़ जाएगा,
हमें अपनी औकात दिखायेगा।।
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2 thoughts on “ये दौर भी गुजर जाएगा Ye Daur bhi Gujar jayega”
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कई दौर आये और चले गए,
ये दौर भी गुजर जाएगा, वो दौर कभी बन जाएगा,
बिल्कुल सही कहा।??
धन्यवाद मदसूदन जी