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Koi Gila- Shikva Na Raha कोई गिला- शिकवा न रहा

गिला-शिकवा, शाखों के पीले पत्ते, भ्रम यूँ हीं पाला था, परिहास बनी, gila, shikva, parihas, shakh, piile patte, bhram, गिला -शिकवा, शाख, पीले पत्ते, भ्रंम, परिहास, जीवन, पतझड़, patjhad, प्रेम,सरगम,...
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Corona Kaal ke Manobhav par Kavita कोरोना काल के मनोभाव पर कविता

corona kaal par kavita, कोरोना काल पर कवितायें, कोरोना पर कविता, एक बार धरा पर फिर आओ,शराब का शमशान, कहे होए उदासी मन, आशा की किरण, corona par kavita, ek...
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Zindagi जिन्दगी

zindagi, zindagi per kavita, poems on life, जिन्दगी भाग -1 जिन्दगी तुझे एकटक थकते साँझ होने को है, साँझ-ए-राज़ को राज़ हीं रहने दें, नव साज़-ए-धून में समय को बहने...