नाम-सुरेन्द्र नारायण सिंह "पतित"
(मन के विकारों को सर्वथा दूर न कर पाने से "पतित" हूँ)
स्थान-अवढरदानी आशुतोष भगवान शिव की नगरी काशी
ज्योतिष,तत्संबंधित विषयों एवं अध्यात्म में गहरी रुचि
कभी कभी हृदय के स्पंदन और मन की कल्पना से उत्पन्न भावों को शब्द देने का प्रयास ।
बस इतना ही है मेरा परिचय और मेरा आकाश।
corona kaal par kavita, कोरोना काल पर कवितायें, कोरोना पर कविता, एक बार धरा पर फिर आओ,शराब का शमशान, कहे होए उदासी मन, आशा की किरण, corona par kavita, ek...
kushi, khushi kya hai, jivan ki sandhya bela mein, manmeet, maa,koi khush kaahu mein, ख़ुशी, मनमीत, माँ, जीवन , जीवन की संध्या बेला में, hindi kavita, poems in hindi, hindi...