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Zindagi जिन्दगी

zindagi, zindagi per kavita, poems on life, जिन्दगी भाग -1 जिन्दगी तुझे एकटक थकते साँझ होने को है, साँझ-ए-राज़ को राज़ हीं रहने दें, नव साज़-ए-धून में समय को बहने...