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जीवन Jivan

सागर, लहरें, आग पानी जीवन की बस यही कहानी,

ये जो है झीनी चादर जिंदगानी, हमने- तुमने मिल बुनी है,

रेशे-रेशे में घुली है, तेरे-मेरे जज़्बातों की जवानी।

 

सागर, लहरें, आग, पानी जीवन की बस यही कहानी,

चांदनी रातों के परों पर कितने अरमां की निशानी,

ले उड़ी उन पलों की मीठी-मीठी सी कहानी।

 

सागर, लहरें, आग, पानी जीवन की बस यही कहानी,

चादर के हम छोरों को पकड़े,वक्त के मोड़ों में जकड़े,

सिलवटों से कितने सपने, ढों  रहे हम अपने-अपने।

 

सागर, लहरें, आग, पानी जीवन की बस यही कहानी,

ये जो है झीनी चादर जिंदगानी, संजोए है युगों-युगों की कहानी,

छोरों को थामें है जिंदगानी, छूट गई तो खत्म कहानी।।

 

जीवन के रंग Jivan ke Rang

जीवन के जितने भी रंग,

देखे मैंने समय के संग,

अनुभवो की जो गहराई,

सीखी  मैं जब ठोकर खाई,

ममता, करूणा, क्षमा, दया,

सबने आकर पाठ पढ़ाई,

जो भी जीवन से मैं पाई,

शब्दो में सब बाँध रही,

तिनका-तिनका छाँट रही,

बूँद-बूँद को आँक रही,

व्यथा  कथा को छाप रही मैं,

जीवन को नाप  रही मैं  ।।

 

Jivan Se Hum Kya Liye जीवन से हम क्या लिए

जद्दोजहद में जीवन के अनमोल लम्हे रुठते चले गए,

और मैं बेखबर मोहरों के चाल में उलझी,

पढ़ाव दर पढ़ाव उलझती चली गयी,

जीत -हार से क्या मिले,

चाहे जितनी शीतल बयार चले,

एक झोंका गर रूह को न छुए,

तो जीवन से हम क्या लिए।

 

दाँव दर दाँव चले,

हार-जीत बीच जीवन से सिर्फ शिकवे-गिले किये,

जीवन के खेल में जब अंतिम पढ़ाव से जा मिले,

सब मोहरे गिरे पड़े,

जीवन से हम क्या लिए।

 

एकाकी मैं से तब मिले,

जब स्याह अँधेरी रात भयी,

अनन्त विस्तृत जगत में जीवन भी पसर चला,

स्वतंत्र मैं शाश्वत अनंत में जा मिला,

निशब्द मैं,स्तब्द जब,

जीवन से हम क्या लिए।।

 

जीवन पथ Jivan Path

नीर बन जो बह रही धरा पर,

थी वह पर्वत की शिरमौर्य कभी,

आज तपन बाधाएँ निज पग में सह रही जो,

था उसके जीवन में भी शीतलता का अंम्बार कभी।

 

पतझड़ में झड़ते पत्ते जो,

उन पर भी था मधुमास कभी,

सपनों में धूमिल हुए जो पल,

उनमें भी था प्रकाश कभी।

 

जीवन गलियारे में,

आशाओं के पखवारे में,

कौन किस पर भार बना,

कौन निज जीवन का सुख त्याग भगवान बना।

 

अँधियारे, उजियारे में,

पथभ्रमित कितने दीवार बने,

नयनो से ओझल होते,

कितने सपने परिहार बने,

रूत बदले, हम न बदले,

मौन उठे पुकार तुझे,

जीवन पथ पर चलते-चलते,

हम एक-दूजे के हार बने।।

 

जीवन मूल्य Jivan Mulya

पर चिंतन से परे,स्व मंथन कीजिए,

दूजे में दोष दिखे,तो दृष्टि दोष जानिए,

आलोचना से परे रहकर, आलोचक को स्वीकारिए,

कथनी करनी एक हो,ऐसे आचरण करिए,

कर्मो के चुनाव से परे,अन्तर्मन की सुने पुकार,

सफलता पाने की जिद्द हो जब,असफलता को करें स्वीकार,

जीवन-साथी की जब हो तलाश, विचारों की निश्चलता तलाशिए,

जब जीवन में दुख से हो मुलाकात,

सुख की आस बाँध,धैर्य का दामन थामिए,

कुछ पाने की न कर आस,देने की ठानिए,

भूत से सीख लें,भविष्य सुनहरा बनाने को वर्तमान सवाँरिए,

अपना यहाँ कुछ भी नहीं, सब पराया जानिए,

ये जीवन एक नाटक है,अभिनय कर पल गुजारिए ।।

 

Jivan ko Naye Rang Do जीवन को नए रंग दो

क्या हुआ जो बीच भँवर में कश्ती डूब गई,

जीवन को संजोए रखना,

अरमानो को पिरोए रखना,

नई कश्ती बन जाएगी।

 

अरमानों की आँधी हो,

तूफानो के आदी हो,

दिशा अपनी बदल दो,

जीवन को नए रंग दो।

 

जीनें की राहें अनन्त हैं,

ढूँढो तो तुम पाओगे,

नई राहें गढ़ पाओगे,

क्या हुआ जो राहें बदलीं,

फिर भी मंजिल पाओगे।

 

उमंगित, उल्लासित हो,

जीवन नईया चलाओ तुम,

भँवर में नईया डूब जाए,

तो नई कश्ती बनाओ तुम।।

 

 

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5 thoughts on “जीवन Jivan

    1. बहुत शुक्रिया आपका, आपकी टिप्पणियां प्रोत्साहित करती है लिखने को

  1. Pehela do line hi dil ko chhu liya To pura kabita bhi padh liya.
    Really heart touchy lines..
    In odia language…
    Prathama dui line besh hrudayasparsee o bhabapurna.

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