Numbness in Hands : Causes,Symptoms and Home Remedies हाथ सुन्न होना : कारण, लक्षण एवं घरेलू उपचार

Numbness in Hands
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दोस्तों आज सात्विक जीवन का साक्षात्कार कराती डायरी के 80 वें भाग से आपका परिचय करवाने जा रही हूँ। पिछले भाग में आप मेरी डायरी के पन्नों में संजोये लेख महामुद्रा साधना: शरीर और आत्मा के लिए सर्वोत्तम व्यायाम से परिचित होने के सफर में शामिल हुए थे। आप सभी के स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ। इस भाग में “हाथ सुन्न होना : कारण, लक्षण एवं घरेलू उपचार” की जानकारी से आपका परिचय करवा रहीं हूँ।

 

हाथों के सुन्न होने के सबसे आम कारणों में हाथ के कलाई की नस का दब जाना या कंप्यूटर पर कार्य करने या अन्य वजहों से नसों पर ज्यादा दबाव पड़ना है। इसके अतिरिक्त कुहनी के कोने की नस दबने, एक करवट ज्यादा देर तक लेटने या बैठने के कारण भी तंत्रिका पर दबाव बने रहने के कारण हाथों में झुनझुनी एवं सुन्नता की शिकायत होती है। अक्सर हाथों का सुन्न पड़ना या लम्बी समय तक सुन्न रहने की शिकायत बने रहने पर नसे/तंत्रिका क्षतिग्रस्त भी हो सकती है। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर सर्जरी करवाना आवशयक भी पड़ सकती है।

इसके अतिरिक्त हाथों में सुन्नता किसी गंभीर रोग का संकेत भी हो सकता है। किन्तु गंभीर रोग के संकेत होने पर हाथ में सुन्नता की समस्या पैरों में भी फैल जाती है। इसके साथ ही अन्य स्वास्थ्य समस्या के भी लक्षण दिखाई देते हैं। इस लेख में हाथ सुन्न होने के 10 कारण, लक्षण एवं घरेलू उपचार की जानकारी आपके साथ शेयर कर रहीं हूँ।

 

Causes and Symptoms of Numbness in Hands हाथों के सुन्न होने का कारण एवं लक्षण

हाथों का सुन्न होना आमतौर पर किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण नहीं होता है। दरअसल हाथों की कलाई की मीडियन नस पर दबाव पड़ने के कारण सुन्नपन का अनुभव कुछ सेकेण्ड तक होना सम्भव होता है मीडियन नस को कार्पस टनल कहते हैं।

मीडियन नस हाथों की अनेक माँसपेशियों से होती हुई कंधे से कलाई तक जाती है। ये नस हाथों की उंगलियों की संवेदना को नियंत्रित करने का कार्य करती है। इसी कारण इस मुख्य नस पर दबाव पड़ने से हाथों में झुनझुनी एवं सुन्नता की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जो कि कुछ सेकेण्ड में ठीक भी हो जाती है।

इसके अतिरिक्त हाथों के सुन्न होने के अन्य कारण एवं लक्षण निम्नलिखित हैं –

 

  • Deficiency of Vitamin or Minerals  विटामिन या खनिज की कमी होना

नसों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी12 आवश्यक है. इसके अतिरिक्त पोटैशियम एवं मैंग्नीशियम खनिज /मिनरल्स नसों को लचीला बनाये रखने एवं रक्त के सुचारु रूप से सर्कुलेशन/संचरण में सहायक होता है। रक्त में इन मिनरल्स की कमी से नसों पर दबाव पड़ता है। जिसके फलस्वरूप हाथों में सुन्नता एवं झुनझुनी की समस्या की शिकायत होती है।

लक्षणों में शामिल है –

  • हाथों एवं पैरों का सुन्न होना।
  • मतिभ्रम।
  • चलने के दौरान शरीर का संतुलन बिगड़ना।
  • कमजोरी एवं थकान।
  • सोचने की क्षमता प्रभावित होना।

 

  • Stroke स्ट्रोक

हाथों में सुन्नता का एक कारण स्ट्रोक भी हो सकता है। मस्तिष्क के एक भाग में रक्त आपूर्ति बाधित होने के फलस्वरूप स्ट्रोक की समस्या होती है।

हाथों में सुन्नता के साथ ही अन्य लक्षण में शामिल है –

  • अचानक हाथों या पैरों का सुन्न होना।
  • कमजोरी महसूस होना।
  • बोलने एवं दूसरों की बात समझने में परेशानी एवं उलझन होना।
  • चेहरे का एक तरफ लटक जाना।
  • एक या दोनों आँखों से अचानक धुंधला दिखने की शिकायत।
  • अचानक चक्कर आना एवं सिर दर्द होना।
  • शरीर का संतुलन बिगड़ना।

 

  • Herniated or Slipped disc  स्लीपड 

हमारे रीढ़ में हड्डियों (कशेरुक) के खंड की एक श्रृंखला होती है,जो कि टैलबोन से लेकर खोपड़ी के शीर्ष तक जाती है। इन हड्डियों के खण्डों के बीच में गोल कुशन रूपी संरचना होती है। जिन्हें डिस्क कहते हैं, जो कि रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में सहायक होते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने या किसी अन्य कारण से किसी भी एक डिस्क में फटने या दरार पड़ने की स्थिति को स्लीपड डिस्क कहते हैं।

कारण

  • अधिक देर तक एक ही पोस्चर में बैठे रहना।
  • शरीर का वजन अधिक होना।
  • भारी सामान उठाना।
  • लगातार उठने -बैठने वाले खेल या क्रियाकलाप करते रहने के कारण।
  • धूम्रपान का ज्यादा सेवन करना।

लक्षण

  •  हाथ, पैर अथवा गर्दन में दर्द।
  • हाथ या पैर में सुन्नता की शिकायत।
  • हाथ या पेअर में कमजोरी एवं दर्द बने रहने की शिकायत।

 

  •  Raynaud’s Syndrome  रेनॉड सिंड्रोम

रक्त धमनियों के संकीर्ण होने के कारण हाथों एवं पैरों तक रक्त के प्रवाह में कमी आती है। जिसके कारण हाथों एवं पैरों में सुन्नता के साथ ही अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।

कारण

  • रक्त धमनियों का सिकुड़ना।
  • अधिक ठन्डे के संपर्क में आना।
  • अत्यधिक तनाव की स्थिति में होना।

लक्षण

  • हाथों एवं पैरों की उंगलियों का सुन्न पड़ना।
  • हथेली एवं तलवों का ठंडा होने के साथ ही पीला पड़ना।
  • हाथ और पैरों में दर्द होना।

 

  • Multiple Sclerosis मल्टीपल स्क्लेरोसिस

इस बीमारी में शरीर की रोगप्रतिरक्षा प्रणाली नसों के सुरक्षा कवच पर हमला करती है। जिसके कारण समय बढ़ने के साथ नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

कारण

रोग प्रतिरक्षा प्रणाली से सम्बंधित विकार उत्पन्न होना।

लक्षण

इस रोग का प्रभाव नसों को प्रभावित करने के आधार पर प्रगट होते हैं एक तरफ के हाथ एवं पेअर में सुन्नता होने के अतिरिक्त अन्य लक्षणों में शामिल है –

  • हाथ पैरों में झुनझुनी।
  • दोहरा दृश्य नज़र आना।
  • मूत्राशय और आँतों पर से नियंत्रण समाप्त होना।
  • कमजोरी एवं थकान बने रहना।
  • बिजली के कर्रेंट महसूस होना।
  • साफ बोलने एवं चलने में समस्या होना।

 

  • Side effects of some Medicines  कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव 

कैंसर रोग के उपचार के लिए प्रयोग की जाने वाली कीमोथैरेपी, ह्रदय रोग और ब्लडप्रेशर की दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण भी सुन्नता की शिकायत होना सम्भव है।

लक्षण

दवाओं के दुष्प्रभाव से होने वाली नसों को नुकसान के कारण हाथों,पैरों की उंगलियों और हाथ पैरों या शरीर के अन्य भागों में झुनझुनी,सुन्नता या दर्द हो सकता है।

अन्य लक्षणों में शामिल है –

  • संवेदना की कमी होना
  • झुनझुनी
  • कमजोरी

 

  • Diabetes मधुमेह रोग 

लम्बे समय तक मधुमेह नियंत्रित न होने के कारण मधुमेह न्यूरोपैथी नामक तंत्रिका क्षति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण हाथ और पैरों में सुन्नता की समस्या हो जाती है।

मधुमेह न्यूरोपैथी के अन्य लक्षण

  • हथेली और तलवों में जलन एवं सुई जैसी चुभन होना
  • कमजोरी आना
  • शरीर में दर्द बने रहना
  • संतुलन बनाने में कठिनाई

 

  • Migraine with Aura औरा के साथ माइग्रेन का प्रभाव 

एक प्रकार के माइग्रेन के दर्द से पूर्व सिग्नल के रूप में हाथ सुन्न होने की शुरुआत होती है। इस प्रकार के माइग्रेन को औरा के साथ माइग्रेन कहा जाता है। इस कारण हाथों में होने वाली सुन्नता सिर दर्द होने के एक घंटे के अंदर शुरू होकर माइग्रेन के दर्द होने से कुछ देर पहले समाप्त हो जाती है।

अन्य लक्षणों में शामिल है –

  • आँखों के सामने आड़ी -तिरछी प्रकाश की रेखाएं, ब्लाइंड स्पॉट्स, प्रकाश की चमक या तारे जैसी आकृति दिखने की समस्या।
  • माँसपेशियों के कमजोरी की समस्या।
  • सही शब्द बोलने में कठिनाई का सामना करना।

 

  • Alcohal related Neuropathy शराब से सम्बंधित तंत्रिका की क्षति 

अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने के आदी होने पर किडनी या लीवर ख़राब होने की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर भी शराब का अधिक मात्रा में सेवन करते रहने से हाथों एवं पैरों में झुनझुनी और सुन्नता की समस्या हो सकती है।

अन्य लक्षणों में शामिल है –

  • माँसपेशियों में ऐठन
  • माँसपेशियों क कमजोर होना
  • नपुंसकता
  • मूत्र नियंत्रित करने में परेशानी

 

Ayurvedic Treatment for Hand Numbness  हाथ सुन्नता का आयुर्वेदिक उपचार 

 

Ayurvedic Management of Carpal Tunnel Syndrome रिसर्च पपएर के अनुसार –

पंचकर्मा एवं मौखिक औषधि के माध्यम से नसों के दबने के कारण हाथ में सुन्नता की समस्या का निदान पूर्णतया सम्भव है।

Treatment with Panchakarma पंचकर्म से उपचार 

पंचकर्म उपचार विधि के माध्यम से शरीर के प्रभावित अंगों की बाहर और मौखिक औषधि के माध्यम से भीतर से उपचार करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

स्नेहधारा थैरेपी 

इस थैरेपी में औषधीय जड़ी -बूटी से तैयार तेल को पुरे शरीर या प्रभावित अंग पर डाला जाता है। इससे स्नेहन और स्वेदन दोनों थैरेपी का लाभ प्राप्त होता है। इस थैरेपी की अवधि 30 -40 मिनट होती है।

शष्टिका शाली पिंड स्वेदन 

इस थैरेपी में एक ही समय में स्नेहन (तेलीकरण) और स्वेदन (शोधन) दोनों शामिल हैं। इसे लोकप्रिय रूप से नवराकिझी के नाम से जाना जाता है।

अभ्यन्तर (आंतरिक) चिकित्सा के लिए मौखिक रूप गोलियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इनमें विशेष रूप से जड़ी -बूटियों से तैयार की गयी गोलियोन में शामिल है –

योगराज गुग्गलु , त्रयोदशांग गुग्गलु, दशमूलारिष्ट, अश्वगंधा चूर्ण बीमारी की गंभीरता के आधार आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है।

कार्पल टनल सिंड्रोम के 20 दिनों की उपचार प्रक्रिया में पाया गया कि आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी से नसों के दबने के कारण उत्पन्न सुन्नता का प्रभावी उपचार संभव है।

Common Home Remedies  अन्य घरेलू उपचार 

  • हाथ की नसों पर दबाव पड़ने वाले स्थितियों से बचे फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह से स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें।
  • प्रभावित स्थान पर ठन्डे -गर्म हीटिंग पैड का प्रयोग करें।
  • दर्द दूर करने वाली गोलियाँ जैसे – एस्पिरिन और इबुप्रोफेन लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि ये दवाएं दर्द से राहत दिलाने के साथ ही तंत्रिका के आसपास की सूजन को भी कम करने में सहायक होती हैं।
  • हाथों सुन्नता की समस्या का अक्सर 5 मिनट से अधिक समय तक सामना करने की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है।

नोट : लेख में दी गयी कोई भी दवा के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

 

जानकारी का स्त्रोत :

कार्पल सिंड्रोम ट्रीटमेंट रिसर्च पेपर   

हाथों में सुन्नता के कारण एवं लक्षण 

 

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