thyroid Desease, thyroid, thyroid gland, थायराइड, थायराइड ग्लैंड, thyroid kya hai, atahstravi granthi kise kahte hain, metabolism kya hai, chaypachay kise kahte hai, endocrine gland kya hai, Thyroid Desease causes,symptoms of thyroid disease, thyroid ke lakshan, thyroid hone ke kaaran,Self test Procedure of Thyroid Disease, ghar mein thyroid test kaise kare, thyroid disease self check process
दोस्तों आज सात्विक जीवन का साक्षात्कार कराती डायरी के 66 वें भाग से आपका परिचय करवाने जा रही हूँ। पिछले भाग में आप मेरी डायरी के पन्नों में संजोये लेख शांभवीमुद्रा करने की विधि एवं लाभ से परिचित होने के सफर में शामिल हुए थे। आप सभी के स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ। इस भाग में शरीर को रोगों से बचाव के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से गंभीर बीमारियों में से एक थायराइड रोग के कारण, लक्षण और स्वयं जाँच की प्रक्रिया से सम्बंधित जानकारी से आपका परिचय करवा रहीं हूँ।
थायराइड हार्मोन के ज्यादा या कम सक्रीय होने अथवा शरीर में आयोडीन पोषक तत्व की कमी होने पर थायराइड रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस रोग के लक्षणों से अनजान होने पर बीमारी का पता थायराइड ग्लैंड में सूजन आने पर घेंघा/गलगंड रोग होने की स्थिति में पता चलता है। इसे अनदेखा करने पर थायराइड ग्लैंड में ट्यूमर या सिस्ट होने की सम्भावना भी हो सकती है।
अतः इसके लक्षण, कारण और प्राथमिक अवस्था में पता करने के लिए घर पर स्वयं गले की जाँच करने की प्रक्रिया की जानकारी इस लेख के माध्यम से शेयर कर रहीं हूँ।
थायराइड क्या है ? What is Thyroid?
थायराइड एक *अन्तःस्त्रावी ग्रंथि है। ये ग्लैंड तितली के आकार की होती है, जो कि गले में स्वर तंत्र के ठीक नीचे स्थित होती है।
थायराइड ग्लैंड दो प्रकार के हार्मोन बनाती है – ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी 3) और थायरोक्सिन (टी 4)। ये हार्मोन्स हमारे शरीर के *मेटाबोलिज्म,शरीर के तापमान, ह्रदय गति, ब्लडप्रेशर जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों को नियंत्रित करने एवं शरीर के वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
myupchar.com में दिए विवरण के अनुसार –
*अन्तःस्त्रावी ग्रंथि- हार्मोन के स्त्राव सीधे रक्त में छोड़ने वाली ग्रंथियों को अन्तःस्त्रावी ग्रंथि / एंडोक्राइन ग्लैंड कहते हैं।
*मेटाबोलिज्म – वह रासायनिक प्रतिक्रियायें, जिसमें शरीर की कोशिकाएं भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करती हैं। ऊर्जा के उपयोग से शरीर में सोचने से लेकर अंगों के कार्यों के विकास एवं वृद्धि तक सभी कार्यों का संचालन होने में मदद मिलती है।
थायराइड रोग होने का कारण Causes of Thyroid Desease
थायराइड रोग होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
- शरीर में आयोडीन की कमी होना।
- थायराइड हार्मोन के ज्यादा सक्रीय होना। जिसके फलस्वरूप हाइपरथायरायडिज्म की शिकायत होने की सम्भावना हो सकती है।
- थायराइड हार्मोन का कम सक्रीय होना या किसी भी हामोनल ग्लैंड की सक्रियता में कमी आने के परिणामस्वरूप हाइपोथायरायडिज्म की शिकायत हो सकती है।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा गलती से थायराइड कोशिकाओं को वायरस/बैक्टीरिया संक्रमण फैलाने वाली बाहरी ऊतक समझ लेना और शरीर की रोगों से रक्षा के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन कर देने पर थायराइड कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं परिणामस्वरूप शरीर में थायराइड हार्मोन का उत्पादन कम होता है जिसके कारण हाशिमोटो की बीमारी/हाशिमोटो थायरॉयडिटिस/क्रोनिक लिम्फोसाइटिक थायरॉयडिटिस रोग हो जाता है
- थायराइड ग्लैंड की ऊतक में असामान्य वृद्धि होने के कारण गाँठ बनना या द्रव्य/fluid से भरा सिस्ट होने के कारण थायराइड कैंसर होने की सम्भावना हो सकती है
थायराइड रोग सामान्य लक्षण Common Symptoms of Thyroid disease
- शरीर के वजन में असमान्य वृद्धि या कमी आना।
- हड्डियों के जोड़ों या माँसपेशियों में दर्द बने रहना या कमजोरी की शिकायत होना।
- शरीर में थकान बने रहना या सोने में परेशानी अनुभव करना।
- डिप्रेशन, तनाव या चिड़चिड़ेपन की शिकायत होना।
- ह्रदय की धड़कन तेज या अनियमित होने की शिकायत होना।
- महिलाओं में मासिक धर्म सामान्य की तुलना में ज्यादा रक्त स्त्राव होना या माहवारी की अवधि बढ़ जाना।
- याददाश्त में परिवर्तन आना या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आना।
- बालों का झड़ना एवं कमजोर होना।
- ज्यादा पसीना आना।
हालाँकि उपर्युक्त शारीरिक मानसिक लक्षण अन्य रोगों से भी सम्बंधित हो सकते हैं। किन्तु थायराइड जैसी गंभीर रोग से बचाव के लिए इनमें एक या अधिक लक्षण बने रहने पर थायराइड रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक”एंडोक्राइनोलॉजिस्ट” से परामर्श लेना आवश्यक है।
थायराइड रोग की स्वयं जाँच प्रक्रिया Self test Procedure of Thyroid Disease
थायराइड रोग की प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम के लिए घर पर स्वयं परिक्षण विधि इस प्रकार है-
परिक्षण के लिए आवशयक सामान
- हाथ में पकड़ने के लिए आईना/ दर्पण/ मिरर।
- एक गिलास पानी।
जाँच प्रक्रिया
दर्पण को हाथ में पकड़ कर थायराइड ग्लैंड वाले स्थान पर नज़र टिकाये रखते हुए निम्नलिखित जाँच के चरण को पूरा करें :
- दर्पण को हाथ में पकड़ें और गले में स्वरतंत्र के ठीक नीचे एवं कॉलरबोन के ऊपर वाले स्थान पर थायराइड ग्लैंड की स्थान पर ध्यान केंद्रित करते हुए दर्पण में देखें।
- फिर इसी स्थिति में बने रहते हुए पानी की एक घूँट पीने के बाद निगल लें।
- पानी निगलने के दौरान थायराइड ग्लैंड वाले स्थान पर उभार होने की जाँच करें।
- उभार की स्थिति की जाँच को सुनिश्चित करने के लिए उपर्युक्त प्रक्रिया को कई बार दोहराया जा सकता है।
- यदि गले पर स्वरतंत्र के ठीक नीचे उभार नज़र आये, तो एंडोक्राइनोलॉजिस्ट चिकित्सक से जितनी जल्दी हो सके परामर्श लेना आवश्यक है।
नोट – गले में स्वरतंत्र वाले स्थान पर स्थित उभार के ठीक नीचे उभार की जाँच करना है। पानी निगलते समय हाथ से इस स्थान पर छूने से थायराइड ग्लैंड के स्थान का सही अनुमान लगाया जा सकता है।
स्त्रोत –
अन्य लेख पढ़ें :
पार्किंसन रोग के कारण, उपचार और शुरुआती लक्षण क्या हैं?
डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के प्रकार और लक्षण
मर्दाना कमजोरी का आयुर्वेदिक उपचार
2 thoughts on “Thyroid disease Causes, Symptoms and Self-diagnosis Process थायराइड रोग के कारण, लक्षण और स्वयं जाँच प्रक्रिया”
Comments are closed.
[…] […]
[…] […]