Health Benefits of Horse Gram कुलथी दाल के स्वास्थ्य लाभ

Health Benefits of Horse Gram कुलथी दाल के स्वास्थ्य लाभ
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दोस्तों आज सात्विक जीवन का साक्षात्कार कराती डायरी के 65 वें भाग से आपका परिचय करवाने जा रही हूँ। पिछले भाग में आप मेरी डायरी के पन्नों में संजोये लेख आयुर्वेदिक जड़ी -बूटी कांचनार के औषधीय लाभ की जानकारी से परिचित होने के सफर में शामिल हुए थे। आप सभी के स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ। इस भाग में “कुलथी दाल के स्वास्थ्य लाभ” से सम्बंधित जानकारी से आपका परिचय करवा रहीं हूँ।

 

 

कुलथी दाल को संस्कृत में कुल्थिका, कुलत्थ, हिंदी में कुलथी, कुलथ, खरथी,गराहट, कुर्थी, अंग्रेजी में हार्स ग्राम, गुजराती में कुलथी, उत्तराखंड में गहत, मराठी में हुलगा कुलिथ आदि नामों से जाना जाता है।

कुलथी का बीज आकार में उड़द के दाल के समान चिपटे और रंग काले, हल्के लाल  चितकबरे  एवं चमक लिए हुए होता है। इसका पौधा झाड़ीनुमा,तने का रंग ग्रे,पतला और जड़ से अनेक शाखाओं से युक्त होता है। इसकी पत्तियाँ पीलापन लिए हरे रंग की तीन पत्तियों के दल में बिल्व/बेल के पत्ते के समान होती हैं।

कुलथी दाल की खेती मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका,ऑस्ट्रेलिया, बर्मा, मलेशिया, मॉरीशस और वेस्ट इंडीज में की जाती है। ये दक्षिण भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है। इसके अतिरिक्त बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के कुमायूँ क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश एवं हिमालय के नीचले पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती बहुतायत से की जाती है।

 

कुलथी दाल के औषधीय गुण Medicinal properties of Kulthi dal

कुल्थी दाल मैं प्रोटीन, विटामिन,फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होती है। इसके अतिरिक्त इसमें पाए जाने वाले बायोएक्टिव  रासायनिक यौगिक फाइटिक एसिड, फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और उच्च आणविक टैनिन में औषधीय गुण होते हैं। इसकी तासीर गर्म होती है।

इसका उपयोग दाल एवं रसम बनाने के अतिरिक्त पशुओं के चारे और हरी खाद के रूप में भी किया जाता है। चरक संहिता में कुल्थी दाल के औषधीय गुणों का वर्णन मिलता है।आयुर्वेद में कुल्थी दाल का उपयोग ह्रदय रोग, मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज), वजन कम करने, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ल्यूकोडर्मा, किडनी स्टोन, बवासीर/पाइल्स रोगों के औषधि के रूप में किया जाता है।

सुश्रुत संहिता में कुल्थी के दाल के पाउडर का उपयोग अत्यधिक पसीना आने से रोकने की समस्या और शिशुओं के पेट में कीड़े की समस्या को दूर करने के लिए किये जाने का उल्लेख मिलता है। कुल्थी के दाल के औषधीय गुण को वैज्ञानिक शोधो के आधार पर भी सिद्ध किया गया है। आइये देखें इस सुपरफूड के औषधीय गुणों की जानकारी।

 

 

कुलथी के दाल के स्वास्थ्य लाभ Health Benefits of Horse gram

अन्य दलहनी फसलों की तुलना में कुलथी दाल बायोएक्टिव रासायनिक यौगिक और पोषक तत्वों जैसे फेनोलिक यौगिकों, फाइबर और फाइटिक एसिड का एक अच्छा स्रोत है। इन जैव सक्रिय यौगिकों में विभिन्न रोगों के उपचार की क्षमता होने कारण कुल्थी अनेक रोगों के उपचार में सहायक होती है।

 

टाइप – ll डायबिटीज रोग को नियंत्रित करता है Controls type-ll Diabetes

कुल्थी दाल में नॉन डाइजेस्टेबल कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है, जो कि आहार फाइबर का कार्य करता है। जिसके कारण रक्त में ग्लूकोस की कम मात्रा पहुँचती है और पेट ज्यादा देर तक भरा महसूस होता है। जिसके कारण  मधुमेह रोग को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

 

ह्रदय रोग में फायदेमंद Beneficial in Heart disease

कुल्थी दाल में अरहर दाल की तुलना में लाइसिन एमिनो एसिड की अधिक मात्रा पायी जाती है। लाइसिन प्रोटीन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कार्निटाइन पोषक तत्व के उत्पादन में वृद्धि करता है। कार्निटाइन फैटी एसिड को ऊर्जा में बदलने में सहायक होने के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। इस प्रकार ह्रदय में रक्त पहुँचाने वाली कोरोनरी धमनी में कोलेस्ट्रॉल जमने से रोकने में मदद मिलती है।

 

बवासीर की समस्या में उपयोगी  Useful in piles problem

कुल्थी के दाल में आहार फाइबर की अधिक मात्रा होने के कारण कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसके अतिरिक्त इसमें सूजनरोधी गुण होने कारण पाइल्स रोग के मस्से के कारण नसों में आई सूजन को कम करने में भी सहायता मिलती है।

 

अस्थमा रोग में फायदेमंद Beneficial in Asthma

कुल्थी के दाल की तासीर गर्म होती है। इसके अतिरिक्त एंटीमाइक्रोबियल एवं एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होने के कारण सर्दी – जुखाम, कफ, अस्थमा एवं ब्रोंकाइटिस की समस्या दूर करने में औषधि का कार्य करता है।

 

दस्त में राहत पहुँचाती है Relief in Diarrhea

कुल्थी दाल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण दस्त/पेचिश रोग के उपचार में कुल्थी दाल के अर्क का सेवन लाभदायक होता है।

मासिक धर्म से सम्बंधित समस्या से राहत Relief from Menstrual problems

कुल्थी दाल में आयरन की मात्रा पायी जाती है। जिसके कारण माहवारी में अधिक रक्त स्त्राव, प्रसव के बाद रक्त स्त्राव होने के कारण महिलाओं में कमजोरी की समस्या दूर करने एवं हीमोग्लोबिन का स्तर बनाये रखने में मदद मिलती है।

 

कृमिनाशक गुण Anthelmintic Activity

कुल्थी में कृमिनाशक गुण पायी जाती है। जिसके कारण शिशुओं के पेट में कीड़े की समस्या को दूर करने के लिए कुल्थी दाल को औषधि के रूप में उपयोग करने की सलाह वैद्य देते हैं।

 

किडनी की पथरी के उपचार में उपयोग Medicine for Kidney Stone

शोध अध्ययनों में पाया गया है कि कुल्थी के दाल में पथरी को घुलाने वाले रासायनिक तत्व मौजूद हैं। दरअसल आहार में मौजूद कैल्शियम ऑक्सलेट एवं लवण के संयोजन से एकत्रित ठोस पदार्थ को पथरी कहते हैं। किडनी में पथरी की समस्या होने पर औषधि सेवन के द्वारा मूत्र मार्ग से पथरी बाहर निकल जाती है।आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किडनी की पथरी के उपचार के लिए कुलथी के दाल को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।

किडनी की पथरी की समस्या होने पर कुल्थी के दाल का उपयोग करने की विधि –

एक कप कुल्थी के दाल को साफ पानी से धोने के बाद एक काँच के बरतन में पानी में भिगोकर रात भर छोड़ दें।

सुबह दाल को छान कर पानी अलग कर लें।

अब सुबह खाली पेट इस पानी को नियमित रूप से पीने के लिए उपयोग करें।

इसी प्रकार नियमित रूप से फ्रेश दाल को रात भर भिगोने के बाद छान कर पानी का सेवन करने की प्रक्रिया पथरी की समस्या दूर होने तक जारी रखें।

 

कुल्थी के दाल के नुकसान Disadvantage of Horse gram

  • गठिया/गाउट रोग से पीड़ित होने पर कुलथी के दाल या अन्य प्रकार के दालों के सेवन से परहेज करें। क्योंकि इन रोगों में हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड की मात्रा जाती है और दाल एवं फलियों के सेवन से एसिडिटी बढ़ने की सम्भावना अधिक होती है। जिसके कारण गठिया रोग के दर्द और सूजन की समस्या बढ़ने का खतरा हो सकता है।
  • शिलाजीत, या अन्य एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने के साथ कुल्थी दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि कुल्थी का दाल शरीर में अतिरिक्त गर्मी उत्पन्न करने में सहायक हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान कुल्थी दाल के सेवन से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होने के कारण नुकसान पहुँच सकता है।

 

अस्वीकरण :

लेख में दी गयी जानकारी का मकसद केवल कुल्थी के दाल के स्वास्थ्य लाभ के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है किसी भी रोग के लिए कुल्थी के दाल का उपयोग करने से पूर्व किसी डिग्री प्राप्त आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

स्त्रोत :

https://www.researchgate.net/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4397296/

https://www.researchgate.net/publication/346968337_Bioactive_Compounds_of_Horse_Gram_Macrotyloma_uniflorum_Lam_Verdc

https://www.chemijournal.com/archives/2019/vol7issue2/PartB/7-1-547-904.pdf

 

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