एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन एवं टेस्टोस्टरोन हार्मोन को सेक्स हार्मोन कहा जाता है। इन तीनो हार्मोन की मात्रा पुरूषों और महिलाओ दोनों में पायी जाती है।
स्त्रियों के अंडाशय में बनने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन को महिलाओं के सेक्स हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। इस हार्मोन की कुछ मात्रा का स्त्राव दोनों गुर्दे के ऊपर स्थित एडरनल ग्रंथि और वसा ऊतको से भी होता है। स्त्रियों के मासिकधर्म, यौन अंगों के विकास एवं प्रजनन स्वास्थ्य के लिए इस हार्मोन का संतुलित होना आवश्यक है।
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन अंडाशय, एडरनल ग्रंथि एवं गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल / प्लेसेंटा में बनता है। ये गर्भधारण एवं मासिक चक्र की नियमितता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
टेस्टोस्टरोन हार्मोन को पुरुषों का हार्मोन कहते है। हालाँकि महिलाओं के अंडाशय में कम मात्रा में इस हार्मोन का भी निर्माण होता है। यह बालिकाओं में प्यूबर्टी के दौरान शरीर के अन्य अंगों में बाल के विकास में सहायक होता है।
किसी बीमारी के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन के असंतुलन के लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। किन्तु उम्र बढ़ने पर मेनोपॉज़ की प्रक्रिया से गुजरने के दौरान एस्ट्रोजन की कमी से होने वाली समस्या से राहत पाने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। आइये जाने एस्ट्रोजन बूस्टर फूड्स की जानकारी।
एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी होने के कारण Estrogen hormone Deficiency Causes
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी होने का मुख्य कारण निम्नलिखित हैं :
- रजोनिवृत्ति/ मेनोपॉज़
- अधिक तनाव की स्थिति में बने रहना
- अधिक व्यायाम
- ईटिंग डिसऑर्डर (ज्यादा खाना या बहुत कम खाना)
- अनिद्रा
- अंडाशय से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्या होना
- ऑटोइम्यून डिजीज
- हाइपोथैलेमिक एमेनोरिया
- पिट्यूटरी ग्रंथि से सम्बंधित स्वास्थ्य विकार
- 40 की उम्र से पहले माहवारी का बंद होना
कम एस्ट्रोजन के लक्षण Symptoms of Low Estrogen
- शुष्क त्वचा
- स्तनों का ढीला पड़ना
- हड्डियाँ कमजोर होना
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन
- हॉट फ्लैशेस ( अचानक गर्मी लगना या पसीना आना)
- अनियमित मासिक चक्र
- योनि में सूखेपन की समस्या
- वजन बढ़ना खासतौर से पेट की चर्बी बढ़ना
- महावारी के दौरान या पहले सिर दर्द होने की समस्या
- सेक्स की इच्छा में कमी
- थकान बने रहना
- अनिद्रा की समस्या
एस्ट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थ Estrogen- rich Foods
फरवरी 2012 में हुए एक शोध अध्ययन के अनुसार –
पौधों में पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजेन रासायनिक यौगिक स्तनधारी प्राणियों में एस्ट्रोजन हॉर्मोन का कार्य करते हैं। इस रासायनिक यौगिक का एस्ट्रोजेनिक और एंटीएस्ट्रोजेनिक दोनों प्रकार का प्रभाव हो सकता है।
कुछ खाने योग्य पौधों के फल, बीज, पत्तियों से बने पेय, पत्तागोभी परिवार के अंतर्गत आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों (cruciferous vegetables), फलियों, सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थ और रेड वाइन में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन स्तनधारियों के शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन बढ़ाने में प्रभावी सिद्ध हुए हैं।
- सोया खाद्य पदार्थ
Dec 2010 में हुए एक शोध अध्ययन के अनुसार –
सोया खाद्य पदार्थ जैसे – सोया बीन्स, टोफू, टेम्पेह (फर्मेन्टेड सोयाबीन्स), सोया पेय आदि के रूप में खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सोया फूड्स में आइसोफ्लेवोंस के रूप में फाइटोएस्ट्रोजेन (पौधों में पाए जाने वाले एस्ट्रोजन जैसे रसायनिक यौगिक होते हैं) नामक रासायनिक यौगिक पाया जाता है। जो कि स्तनधारियों में एस्ट्रोजन हार्मोन का कार्य करता है।
- अलसी के बीज Flex seeds
अलसी के बीज के पाउडर को दाल, सूप या सलाद ड्रेसिंग के रूप में दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अलसी से बने खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करने से भी एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
अलसी के बीज में फाइटोएस्ट्रोजेन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जिसे लिग्नन्स (lignanas) नाम से जाना जाता है। लिग्नन्स एस्ट्रोजन हॉर्मोन के चयापचय में सहायक होता है।
- तिल के बीज Sesame seeds
तिल के बीज को लड्डू एवं तेल के रूप में दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है।
तिल का बीज फाइटोएस्ट्रोजेन का अच्छा स्त्रोत है एक शोध अध्ययन के अनुसार – नियमित रूप से तिल के बीज का सेवन करने से मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।
- सूखे मेवे
खुबानी,आड़ू, आलूबुखारा (prunes), करौंदा, सूखे हुए एप्पल रिंग्स, खजूर,जामुन।
- आयल एंड सीड्स
बादाम, अखरोट, पिस्ता,चेस्टनट, हेज़लनट, सूरजमुखी का बीज,पीनट बटर (मूँगफली का मक्खन)।
- पत्तेदार सब्जियाँ (cruciferous vegetables)
पत्तागोभी परिवार में आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे – अरुगुला, बोक चॉय, ब्रसल स्प्राउट, ब्रॉकली, पत्ता गोभी,फूलगोभी, कॉलार्ड ग्रीन।
- फलियाँ एवं स्प्राउट्स
अल्फ़ल्फा स्प्राउट्स – इसे सैंडविच, सूप एवं सलाद के रूप में खाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है, हरी और सफ़ेद फलियां एवं अंकुरित मूँग।
- पेय पदार्थ
ब्लैक टी, ग्रीन टी और रेड वाइन में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेन रासायनिक यौगिक एस्ट्रोजन हॉर्मोन के स्तर को बढ़ाने में प्रभावी है।
अस्वीकरण :
लेख में दी गयी जानकारी शेयर करने का उद्देश्य एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्या को बढ़ने से पहले रोकने के लिए जागरूकता फैलाना है। हालाँकि शेयर की गयी जानकारी शोध अध्ययनों पर आधारित है। फिर भी एस्ट्रोजन हॉर्मोन कमी के लक्षण, कारण और खाद्य पदार्थों के सेवन की मात्रा का निर्धारण करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। अन्यथा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने की सम्भावना उत्पन्न हो सकती है।
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए विडियो देखिए:
स्त्रोत :
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles
https://www.researchgate.net
https://journals.sagepub.com/doi/pdf
https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/22354-low-estrogen
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