कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन सब – वैरिएंट BA.7 संक्रमण से आजकल चीन में महामारी की स्थिति बनी हुयी है। BF.7 वैरिएंट (BA.5.2.1.7) संक्रमण के मामले भारत,अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, डेनमार्क में भी पाए गए हैं। किन्तु चीन की तुलना में भारत सहित अन्य देशों में BF.7 वैरिएंट का प्रभाव सामान्य पाया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुके लोगो में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी का विकास हो जाने के कारण BF.7 वैरिएंट संक्रमण से गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना कम होगी।
दरअसल भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन सब – वैरिएंट BA.1,BA.2 के खिलाफ वैक्सीनेशन होने से लगभग 98% जनता में वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो चुका है। गौरतलब है कि देश में कोरोना के तीसरी लहर ओमीक्रॉन सब – वैरिएंट BA.1,BA.2 के कारण आयी थी। इस दौरान भारत में वायरस संक्रमण से मरने वालों की तादाद बहुत कम पायी गयी थी। इसी प्रकार ओमीक्रॉन सब – वैरिएंट BA.4 ,BA.5 का कहर भारत में प्रभावी नहीं रहा। अब वर्तमान में चीन में कहर बरपाने वाला कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन सब – वैरिएंट BF.7 के भारत में अब तक 4 मामले पाए गए हैं। आइये देखें कोरोना वायरस के नए वैरिएंट BF.7 संक्रमण के लक्षण, बचाव एवं वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट की जानकारी।
Corona Omicron Sub Variant BF.7 kya hai? कोरोना का ओमीक्रॉन सब -वैरिएंट BF.7 क्या है?
BF.7 ओमीक्रॉन वैरिएंट BA.5 का सब – वैरिएंट (उपवंशावली) है। इसके संक्रमण की क्षमता बहुत तेज है अर्थात कोरोना के इस सब-वैरिएंट से प्रभावित होने पर संक्रमण के लक्षण आने में डेल्टा वैरिएंट की भाँति 14 दिन का समय नहीं लगता है।
Cell Host & Microbe journal के अनुसार BF.7 वैरिएंट संक्रमण से प्रभावित रोगी अपने आसपास के 10 -18. 6 लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं। इसके लक्षण भी तेजी से सामने आते हैं और वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुके एवं कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
XBB and XBB.1 kya hai? XBB और XBB.1 क्या है?
WHO के अनुसार XBB ओमीक्रॉन BA.2.10.1 और BA.2.75 की उपवंशावली (सबलाइनेज) का पुनः संयोजक वैरिएंट है। XBB.1 ओमीक्रॉन सब- वैरिएंट के पुनः संयोजक XBB का सबलाइनेज है।
महामारी विज्ञान के 40 वें सप्ताह (3 से 9 अक्टूबर) तक के वैश्विक एवियन इन्फ्लुएंजा डेटा के आँकड़ों (GISAID) के अनुसार XBB का वैश्विक प्रसार 1.3% है और यह 35 देशों में पाया गया है। अक्टूबर 2022 में XBB और XBB.1 वैरिएंट के मामले भारत के महाराष्ट्र राज्य में देखे गए थे। इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों में हल्के लक्षण देखे गए। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि XBB और XBB.1वैरिएंट के खिलाफ पूरी वैक्सीन की खुराक लिए लोगों में इम्युनिटी का विकास हुआ है। अतः XBB और XBB.1वैरिएंट के खतरनाक होने की अफवाह पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
अभी तक कुल ओमीक्रॉन के 500 से अधिक सब – वैरिएंट का पता लगाया जा सका है। दरअसल वायरस की संरचना में प्राकृतिक रूप से अस्तित्व बनाए रखने के लिए उत्परिवर्तन होता रहता है। उत्परिवर्तन की प्रक्रिया में मूल संरचना में परिवर्तन के क्रम में वंशावली और उपवंशावली का निर्माण होता रहता है।
BF.7 Symptoms / लक्षण
SARS-CoV-2 B.1.1.7 Lineage testing site journal के अनुसार लक्षणों में शामिल है –
- सर्दी
- खाँसी
- बुखार
- गले में खराश
- माँसपेशियों या शरीर में दर्द
- थकान
- सिर दर्द
- साँस लेने में कठिनाई
- ठण्ड लगने के साथ बुखार होना
- कफ
- नाक बंद या नाक बहना
- स्वाद या गंध का पता न चलना
- मतली या उल्टी
- दस्त / डायरिया
- छाती में दर्द
Precautions बचाव
‘सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल’ के अनुसार BF.7 वैरिएंट की संक्रमण क्षमता अभी तक के ओमीक्रॉन सबलाइनेज की तुलना में सबसे अधिक है।अतः जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पूरी खुराक नहीं लिया है,सीनियर सिटीजन, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, पहले से गंभीर बिमारी से पीड़ित लोगों को वायरस के गंभीर संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है।
इसके अतिरिक्त BF.7 वायरस का संक्रमण वैक्सीन की पूरी खुराक, कोरोना के संक्रमण का शिकार हो चुके और वैक्सीन के बूस्टर डोज़ लेने वाले लोगों को भी है। किन्तु ऐसे लोगों में संक्रमण से गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना कम होगी। अतः बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय करने की आवश्यकता है –
- फिटिंग वाले मास्क का उपयोग करें।
- सार्वजानिक स्थलों या रोडवेज परिवहन का उपयोग करने पर हाथ में ग्लोवस पहने, हाथ साबुन से या सैनिटाइजर से साफ किये बिना नाक, कान, आँख, मुँह को न छुए।
- कोरोना वायरस वैक्सीन की पूरी खुराक लें।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदर्थों या इम्युनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करे।
हालाँकि वायरस संक्रमण की कोई दवा नहीं होती है क्योंकि वायरस म्युटेशन करते रहते है। जिसके कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखना ही संक्रमण से बचाव का एकमात्र साधन होता है।
Vaccine Side Effects वैक्सीन के साइड इफेक्ट
Centers for disease cure and prevention और world health organization के अनुसार कोविड -19 के अभी तक 33 प्रमाणित /अधिकृत वैक्सीन में से प्रत्येक के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जो कि सामान्य लक्षणों के रूप में कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।
कोरोना वायरस वैक्सीन के सामान्य साइड इफेक्ट में शामिल है –
- एक बुखार
- थकान
- सिर दर्द
- शरीर में दर्द
- ठंड लगना
- जी मिचलाना
कुछ मामलों में इंजेक्शन के स्थान के आसपास होने वाले साइड इफेक्ट के रूप में सूजन, दर्द, लालिमा, खुजली वाले दाने और जलन का अनुभव हो सकता है।
बहुत ही कम मामलों में व्यक्ति को वैक्सीन में मौजूद कुछ रसायनों से एलर्जी की शिकायत होने की सम्भावना हो सकती है। इस प्रकार के दिष्प्रभावों में शामिल है –
- एक प्रकार के गंभीर एलर्जी एनाफिलेक्सिस ( खाद्य पदार्थों, रसायन से एलर्जी) में शामिल है लो ब्लडप्रेशर, मतली, साँस लेने में कठिनाई होना।
- Science. Org के अनुसार एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन में पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (पीईजी) नामक एक रसायन होता है। कुछ मामलों में इस रसायन युक्त कई दवाओं में एनाफिलेक्सिस को ट्रिगर करने का कारण बन सकता है।
फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना दोनों एमआरएनए वैक्सीन हैं। इन दोनों के वैक्सीन के दूसरी खुराक के बाद एनाफिलेक्सिस के समान साइड इफेक्ट के मामले सामने आने की सूचना मिली है।
जानकारी का स्त्रोत:
https://www.medicalnewstoday.com
https://www.who.int
https://www.science.org
https://www.cell.com/cell-host-microbe/pdf
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