लाल चावल दक्षिणी -पूर्व एशिया में उगाये जाने वाला पारम्परिक धान है। भारत के तटीय क्षेत्रों में विशेषकर कर्नाटक में लाल चावल की पैदावार बहुतायात से उगाई जाती है। इसके अतिरिक्त बिहार, केरल, झारखण्ड एवं उत्तराखंड में भी लाल चावल की उपज होती है।
आयुर्वेद में सेला चावल के सभी प्रकारों में लाल चावल को सर्वाधिक औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। लाल चावल सेला चावल के प्रकार में से एक है। चावल अपना रंग धान के ऊपरी छिलके में मौजूद एंथोसायनिन पिगमेंट से प्राप्त करते हैं। लाल चावल के छिलके में एंटीऑक्सीडेंटलाल,आयरन एवं जिंक जैसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की अधिक मात्रा पायी जाती है।
दरअसल चावल की विभिन्न परतों में भिन्न – भिन्न मात्रा में पोषक तत्व होते हैं।धान का छिलका उतारने के बाद लाल/भूरा/काला (धान के रंग के अनुसार) पर्त (एल्यूरोन) में इन पोषक तत्वों की कम मात्रा रह जाती है। इसके बाद सबसे भीतरी पर्त (एंडोस्पर्म) में कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा और प्रोटीन एवं अमीनो एसिड की मात्रा पायी जाती है।
धान को ऊपरी छिलके सहित पानी में भिगोने और थोड़ा उबालने के बाद सुखाकर खाने योग्य बनाये जाने वाले चावल की किस्म को सेला चावल कहते हैं। चावल को छिलके सहित उबालने के बाद तैयार करने के कारण छिलके में मौजूद मिनरल्स और और विटामिन की मात्रा चावल की परतों में सोख/एब्सॉर्ब ली जाती हैं। इसी कारण सेला चावल को पॉलिशड सफेद चावल की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।आइये देखें लाल चावल के औषधीय उपयोग एवं स्वास्थ्य लाभ की जानकारी।
What is Red Rice? लाल चावल क्या है?
धान के लाल छिलके की परत वाले चावल को लाल चावल कहा जाता है। छिलका उतारने के बाद भी चावल का रंग लाल बना रहता है। छिलके /चोकर की परत में पॉलीफेनोल्स और एंथोसायनिन नामक तत्व पाए जाते हैं। जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें जिंक और आयरन की मात्रा सफेद चावल की तुलना में 2-3 गुना अधिक पायी जाती है।
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Other Types of Red Rice लाल चावल के अन्य प्रकार
विभिन्न प्रकार के लाल चावल की उपज देश के विभिन्न प्रदेशों होती है। जिनमें से कुछ प्रकार के नाम इस प्रकार हैं –
- लाल चावल का वानस्पतिक नाम ओराइजा लॉन्गिस्टामिनाटा / ओराइजा पंक्टाटा है।आयुर्वेद में रक्तशाली के नाम से जाना जाता है।
- केरल में मट्टा चावल या पलक्कड़
- बिहार में उसना चावल या भुजिया
- तमिलनाडु में उमा, साम्बा
- उत्तर प्रदेश में तिन्नी का चावल
Nutrients contents in Red Rice लाल चावल में पोषक तत्व की मात्रा
लाल चावल में सफेद पॉलिशड चावल की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर,आयरन, जिंक, कैल्शियम, विटामिन बी2,विटामिन सी, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सेलेनियम एवं फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है।
Medicinal Use औषधीय उपयोग
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में रक्तशाली (Rakthashali) प्रजाति के चावल का उपयोग त्वचा, आँखों की रोशनी, बुखार,अल्सर, आवाज में सुधार और फर्टिलिटी/प्रजनन शक्ति को बढ़ाने के लिए औषधि के रूप में किया जाता है।
Health Benefits स्वास्थ्य लाभ
कैंसर रोग के उपचार
कैंसर रोग से बचाव में लाल चावल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद मैंगनीज, सेलेनियम एवं आहार फाइबर की मात्रा फ्री रेडिकल्स (उपापचय क्रिया में कोशिकाओं में होने वाले रासायनिक परिवर्तन के दौरान बनने वाले मुक्त कण) को बनने से रोकने में सहायक होती है। आयुर्वेद में आंत के कैंसर के उपचार में लाल चावल के दाने का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त लाल चावल में मौजूद पिग्मेंट प्रोएंथोसायनिन सूजन को दूर करने में प्रभावी होता है।
कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है
लाल धान में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसके चोकर से बने तेल एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद करता है। लाल चावल में सफ़ेद चावल की तुलना में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण दैनिक आहार में इसे शामिल करने से ह्रदय में रक्त पहुँचाने वाली धमनी में कोलेस्ट्रॉल जमने की सम्भावना कम हो जाती है। इसमें मौजूद मैंगनीशियम की मात्रा हार्ट अटैक की सम्भावना को कम करने में सहायक होता है।
डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसानदायक नहीं है
लाल चावल में आहार फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण पाचन क्रिया की गति धीमी हो जाती है। जिससे खून में ग्लूकोज/शर्करा के स्तर को एकदम से बढ़ने से रोकने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त खाना धीरे-धीरे पचने के कारण पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है, जिससे शरीर का वजन काम करने में भी मदद मिलती है।
एलर्जी से बचाव
लाल चावल में लगभग 24 % प्रोटीन की मात्रा मौजूद होती है। जो कि शरीर में एलर्जी होने से बचाव करने में सहायक होती है।
त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक
लाल चावल में मौजूद ओरीज़ानॉल नामक घटक त्वचा को सूर्य की अल्ट्रावॉइलेट किरणों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होती है। जिसके कारण इस प्रजाति के चावल का प्रयोग सनस्क्रीन लोशन बनाने में उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें पायी जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के रिपेयर में सहायक होती है। जिसके कारण इसका उपयोग एंटीएजिंग क्रीम बनाने में किया जाता है।
अस्वीकरण :
लाल चावल से सम्बंधित लेख में दी गयी जानकारी विभिन्न विश्वसनीय रिसर्च पेपर की रिपोर्ट पर आधारित है। फिर भी किसी भी बीमारी से ग्रस्त होने पर चावल को दैनिक आहार में शामिल करने से पहले किसी डिग्रीधारी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
स्त्रोत :
https://www.researchgate.net/
https://www.ijsr.net/
https://www.ahajournals.org/doi/
journalofethnicfoods.biomedcentral.com
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3 thoughts on “Red Rice: Medicinal Value and Health Benefits लाल चावल : औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ”
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बहुत ही बढिया जानकारी प्रसरत की धन्यवाद रितू जी
बहुत शुक्रिया अभय जी 🙏
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