Know what these 9 Symptoms of Fingernail say about health जानिए नाखूनों के ये 9 लक्षण सेहत के बारे में क्या कहते हैं

Know what these 9 Symptoms of Fingernail say about health जानिए नाखूनों के ये 9 लक्षण सेहत के बारे में क्या कहते हैं
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दोस्तों आज सात्विक जीवन का साक्षात्कार कराती डायरी के 58 वें भाग से आपका परिचय करवाने जा रही हूँ। पिछले भाग में आप मेरी डायरी के पन्नों में संजोये लेख अश्वगंधा जड़ी बूटी के 8 प्रमाणित स्वास्थ्य लाभ की जानकारी से परिचित होने के सफर में शामिल हुए थे। आप सभी के स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ। इस भाग में “जानिए नाखूनों के ये 9 लक्षण सेहत के बारे में क्या कहते हैं ” से सम्बंधित जानकारी से आपका परिचय करवा रहीं हूँ।

 

 

हमारे शरीर में पोषण की कमी या अधिकता होने पर कई रोगों के उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है। जिसके फलस्वरूप कई प्रकार के लक्षण शरीर के विभिन्न अंगों पर दिखाई देने लगते हैं। इन्ही लक्षणों के आधार पर डॉक्टर्स हमारे शरीर की जाँच और उपचार की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लेते हैं।

दरअसल शरीरिक अथवा मानसिक रोगों की गंभीर स्थिति उत्पन्न होने का कारण बीमारी के लक्षण के प्रति हमारी अज्ञानता है। अतः स्वस्थ रहने के लिए शरीर के अंगों में होने वाले बदलाव पर ध्यान देना आवश्यक है। आपको शायद जानकार हैरानी हो कि हमारे नाखून भी सेहत का राज बताते है।

बस हमें उन पर ध्यान देने और उन संकेतों को समझने की जानकारी होना आवश्यक है। आइये देखें नाखून के बनावट में आये बदलाव के आधार पर बीमारियों के लक्षण की जानकारी।

 

 

Symptoms of disease by Nails Texture  नाखून की बनावट से रोग के लक्षण पहचाने

 

 

Soft and Thin Nails मुलायम और पतले नाखून

अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी (एओसीडी) के अनुसार, आमतौर पर मुलायम और पतले नाखून की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाए जाते हैं। दरअसल महिलाओं में मासिक धर्म या गर्भावस्था की स्थिति से गुजरने के दौरान आयरन की कमी होने की समस्या आमतौर पर पायी जाती है।

शरीर में आयरन की कमी होने के कारण नाखूनों के पतले और मुलायम होने की समस्या को एगशैल नेल्स/eggshell nails या हैपलोनीचिया/ Hapalonychia कहा जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन बी, फैटी एसिड या कैल्शियम की कमी से भी नाखून पतले और मुलयाम पड़ सकते हैं।

नाखूनों के पतले और मुलायम होने के अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। जैसे – ज्यादातर डिटर्जेंट पाउडर, बर्तन धोने के साबुन, सफाई के प्रयोग किये जाने वाले रसायनिक तरल पदार्थ अथवा नेल पोलिश रिमूवर का ज्यादा प्रयोग करना।

इस प्रकार के नाखून स्वस्थ नाखूनों की अपेक्षा जल्दी से टूट जाते हैं या टूटने से पहले झुक जाने के कारण नाखून में दरार आ जाती है।

 

 

Brittle Nails भंगुर नाखून

कठोर, सूखे और पर्तों में छिलने की तरह विभाजित होकर टूटने वाले नाखून होने का कारण बार -बार पानी से नाखूनो का गीला होना और सूखना है। इस प्रकार के नाखूनों की समस्या आमतौर पर पायी जाती है। इस समस्या से बचने के लिए हाथों में दस्ताना पहनकर ज्यादा देर तक नाखूनों को पानी से भीगने और सूखने से बचाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त उम्र बढ़ने के साथ नाखूनों की मजबूती में स्वाभाविक रूप से कमी आती है। जिसके कारण भी उम्रदराज लोगों में नाखून टूटने की समस्या आती है।

भंगुर नाखून होने के गंभीर कारण

  •  हाइपोथायरायडिज्म ( पर्याप्त मात्रा में थाइरोइड हार्मोन न बनने की स्थिति)।
  • आयरन की कमी हो सकती है।
  • पीलापन लिए भंगुर नाखून होने का कारण नाख़ून में फंगल संक्रमण हो सकता है।

 

अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार यदि हाथ के नाखून भंगुर तथा कमजोर और पैरों  के नाखून मजबूत होने की दशा में  भंगुर नाखून होने का कारण वृद्धावस्था या नाखूनों का ज्यादा पानी के संपर्क में रहना हो सकता है।

 

 

पीले नाखून Yellow Nails

 

आमतौर पर नाखूनों का रंग पीला होने का कारण नाखून में फंगल संक्रमण या लम्बे समय तक नाखून पर पोलिश लगाकर रखना हो सकता है।

इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में नाखूनों का पीलापन थयरॉइड, डायबिटीज या सोरायसिस रोग का संकेत हो सकता है।

 

 

सफेद नाखून White Nails

सफ़ेद नाखून ज्यादा नेल पोलिश के प्रयोग करने से भी हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त नाखूनों के सफेदी का कारण गठिया रोग, डायबिटीज, किडनी रोग. ह्रदय रोग का संकेत हो सकता है। रोगों के संकेत को निम्मलिखित आधार पर पहचाना जा सकता है –

  • नाखून के किनारे गहरे सफ़ेद रंग के दिखाई देने का कारण लिवर से सम्बंधित बीमारी जॉन्डिस या हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस ए का संकेत हो सकता है।
  • नाखून की पूरी सतह सफेद दिखने पर किडनी से सम्बंधित रोग का संकेत हो सकता है।
  • नाखून की सतह का मोटा और सफ़ेद होना एक प्रकार का फंगल संक्रमण हो सकता है। इसके अतिरिक्त नाखूनों पर सफ़ेद धब्बे उभारना नाखून को पहले कभी चोट पहुँचने के कारण हो सकता है।

 

 

नीले नाखून Bluish Nails

नाखूनों का नीलपन शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने का संकेत हो सकता है। इससे हृदय या फेफड़ों से सम्बंधित रोग होने का संकेत माना जाता है।

 

 

Puffy Nail Fold पफी नेल फोल्ड

यदि नाखून के आसपास की त्वचा फूली और लाल दिखाई दे, तो इसका कारण ल्यूपस या किसी अन्य संयोजी ऊतक में विकार होने का संकेत है। इसे नेल फोल्ड सूजन के नाम से जाना जाता है। इस दशा में नाखून की तह में संक्रमण के कारण सूजन और लालिमा हो जाता है।

 

 

नाखून के नीचली सतह पर गहरी लकीरे होना Dark Lines Beneath the Nails

नाखूनों के नीचे गहरी लकीरें दिखाई देना, मेलेनोमा रोग का संकेत होता है। जो कि स्किन कैंसर का खतरनाक रूप है। अतः तुरंत डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।

 

 

Curved/Clubbed Nails घुमावदार नाखून

इस प्रकार के नाखून की बनावट होने की प्रक्रिया समय के साथ होने का कारण वंशनुगत होता है। यह फेफड़ों की बीमारी,आँतों में सूजन, ह्रदय रोग या लिवर रोग होने का संकेत हो सकता है।

 

 

Ridges/ Beau’s lines नाखूनों पर लकीरें दिखना

नाखनों पर धारियाँ वर्टीकल और हॉरिजॉन्टल दोनों प्रकार की हो सकती हैं –

वर्टीकल लकीरें

नाखूनों के बहरी किनारे से लेकर क्यूटिकल तक जाती हैं। इस प्रकार की कम लकीरें वृद्धावस्था में नाखूनों पर देखी  जा सकती हैं। इसका कारण नाखूनों के नीचे के त्वचा की मृत कोशिकाओं की जगह लेने के लिए नयी कोशिकाओं का ऊपर उठना है।

यदि नाखूनों के रंग में बदलाव के साथ वर्टीकल लकीरें दिखाई दें, तो इसका कारण ट्रेकियोनीचिया या 20-नेल डिस्ट्रोफी हो सकता है। इस स्थिति में नाखून भंगुर होकर टूटने की समस्या भी आती है।

इसके अतिरिक्त यदि नाखूनों पर वर्टीकल लकीरों के साथ आकार चम्मचाकार हो जाता है, तो इसका कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।

हॉरिजॉन्टल लकीरें/ ब्यू की लकीरें

नाखूनों पर इस प्रकार की लकीरों को ब्यू की लकीरें भी कहा जाता है। ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती हैं। इस स्थिति में नाखूनों का बढ़ना बीमारी के ठीक होने तक रूक जाता है। इसका कारण गुर्दे की बीमारी से सम्बंधित हो सकता है।

इसके अतिरिक्त यदि हॉरिजॉन्टल लकीरें हाथ पैरों के सभी 20 नाखूनों में दिखने लगें, तो  ऐसा निम्नलिखित बीमारियों ले कारण हो सकता है –

  • Eczema/ एक्जिमा रोग
  •  मम्प्स / Mumps
  • थयरॉइड रोग / Thyroid
  • मधुमेह/ डायबिटीज
  • सिफलिस/ Syphilis
  • कैंसर के उपचार में दी जाने वाली कीमोथेरेपी भी ब्यू की रेखाओं का कारण हो सकती हैं।

इसके अतिरिक्त नाखूनों में लकीरे दिखने का कारण शरीर में प्रोटीन,विटामिन ए, कैल्शियम अथवा जिंक की कमी भी हो सकती है।

 

 

अधिक जानकारी प्राप्त करें :

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन 

अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी

मेयो क्लिनिक 

 

 

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