Home Remedies of Migraine माइग्रेन से राहत पाने के घरेलू नुस्खे

Migraine Symptoms And Pain Relief Home Remedies माइग्रेन के लक्षण और दर्द से राहत पाने के अचूक घरेलू नुस्खे
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सिर के आधे हिस्से में दर्द होना, उल्टी, थकान, चक्कर आना माइग्रेन के दर्द के लक्षण हो सकते हैं। माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है। किन्तु कभी -कभी पूरे सिर में भी फ़ैल सकता है। आधे सिर में दर्द होने के कारण माइग्रेन को हिंदी में अधकपारी रोग भी कहते है। माइग्रेन के दर्द का सटिक कारण अभी शोद्ध का विषय बना हुआ है।

चूँकि माइग्रेन के दर्द की कोई विशेष दवा अभी तक उपलब्ध नहीं है। केवल दवा से सिर दर्द को रोका जा सकता है। इसलिए माइग्रेन से बचाव के लिए लक्षण की जानकारी होना आवश्यक है। आइये जाने माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के घरेलू उपचार की जानकारी।

 

माइग्रेन के कारण Migraine Causes 

विशेषज्ञों के अनुसार माइग्रेन के दर्द होने का कारण निम्नलिखित हैं –

  • मस्तिष्क  और जीन/genes में परिवर्तन

माइग्रेन की समस्या होने का कारण व्यक्ति के मस्तिष्क  और जीन/genes में परिवर्तन से संबंधित हो सकता है। यदि किसी के माता-पिता को थकान, तेज रोशनी, या मौसम में बदलाव होने पर माइग्रेन के दर्द होने की समस्या है, तो इन स्थितियों से गुजरने पर बच्चे को भी माइग्रेन की समस्या होने की सम्भावना हो सकती है।

  • हार्मोनल असंतुलन

हार्मोन में परिवर्तन, तनाव, तेज रोशनी, तेज गंध एवं मौसम में बदलाव आदि में से कोई भी कारण माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

माइग्रेन की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। दरअसल महिलाओं में रजोनिवृत्ति, मासिक धर्म, गर्भावस्था आदि परिस्थियों में हार्मोनल परिवर्तन होना स्वाभाविक है। जिसके कारण चिड़ाचिड़ापन, अवसाद, थकान आदि समस्या उत्पन्न होना भी स्वाभाविक है। फलस्वरूप  माइग्रेन की समस्या महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है।

 

माइग्रेन के लक्षण Migraine Symptoms

माइग्रेन के दर्द के लक्षण कई चरणों में महसूस हो सकते हैं। दर्द शुरू होने के एक या दो दिन पहले कुछ इस प्रकार की समस्या के लक्षण महसूस होने की सम्भावना हो सकती है :

प्राथमिक चरण के लक्षण

  • अवसाद के लक्षण महसूस करना  – मन उदास होना, मूड बदलना, शरीर में ताकत महसूस न होना, आत्मविश्वास में कमी, खालीपन महसूस होना आदि।
  • चिंता होना  – किसी विषय को लेकर फालतू विचार मन में लगातार चलते रहना।
  • भूख कम लगना – भोजन में रुचिकर न लगना, कुछ भी खाने की इच्छा न होना।
  • कब्ज़ – पेट भरा -भरा सा लगना, उल्टी महसूस होना, चक्कर आना आदि।
  • गर्दन में अकड़न, कान गर्म होना ,बहुत जम्हाई आना।
  • अधिक प्यास लगना और अधिक पेशाब करना।

दूसरे चरण के लक्ष्ण

ये लक्षण सिर दर्द शुरू होने के कुछ समय पहले या बाद में दिख सकते हैं और कुछ समय के बाद दूर हो जाते हैं जैसे –

  • चमकती रोशनी या ज़िगज़ैग या लहराती रेखा जैसे दृश्य आँखों के सामने दिखना।
  • आँखों से धुंधला दिखना या अँधेरा छाना।
  • सुई एक हाथ या पैर में सुई जैसी चुभन महसूस होना।
  • शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता, बात करने में परेशानी महसूस होना आदि।

तीसरे चरण के लक्षण

  • सिर के एक तरफ या एक आंख में दर्द होना। इस प्रकार का दर्द 4 से 72 घंटे तक बना रह सकता है।
  • आप प्रकाश के प्रति अति-संवेदनशील होना। इतना कि अंधेरे कमरे की आवश्यकता महसूस हो।
  • गंध, आवाज़ और स्पर्श के प्रति भी संवेदनशील होना।
  • ज्यादा प्रकाश में रहने पर बेहोशी आना।
  •  दृष्टि धुंधली होना महसूस करना।

अंतिम चरण के लक्षण

माइग्रेन के कारण होने वाले सिर के समाप्त होने के लगभग 24 घंटे बाद तक महसूस होने वाले लक्षण :

  • बेचैनी
  • थकान महसूस होना
  • उलझन
  • उदासीनता
  • प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता महसूस होना अर्थात ज्यादा प्रकाश या ज्यादा तेज आवाज असहनीय प्रतीत होना।  लगभग 80% लोग जिन्हें माइग्रेन के सिर दर्द की समस्या होती है। वे प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस स्थिति को फोटोफोबिया कहा जाता है।

माइग्रेन के घरेलू उपचार Migraine Home Remedies

  • माइग्रेन के उपचार उपचार में मैग्नीशियम युक्त आहार का सेवन करना फायदेमंद होता है। विशेषकर महिलाओं में पीरियड्स के कारण हार्मोनल परिवर्तन होने से उत्पन्न हुई माइग्रेन की समस्या में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। जो कि सिर दर्द का कारण बनती है। इसलिए माइग्रेन की समस्या होने पर आहार में एवोकाडो, नट्स, गेहूँ,हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फलियों को शामिल करना चाहिए।
  • अश्वगंधा की जड़ को पानी में उबालने के बाद छान कर इस काढ़े को पीने से माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है। दरअसल अश्वगंधा मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है एवं दिमाग शाँत होता है।
  • माइग्रेन के दर्द में ब्राह्मी टेबलेट या पाउडर का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना फायदेमंद होता है। ब्राह्मी जड़ी -बूटी मानसिक तनाव को कम करने एवं मस्तिष्क की तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में सहायक होती है।
  • शतावरी पाउडर का सेवन डॉक्टर की सलाह से नियमित करने पर माइग्रेन की समस्या से बचाव संभव है।
  • माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए पोटेशियम युक्त आहार जैसे – शकरकंद, दही, खुबानी, केला आदि आहार में शामिल करना चाहिए। दरअसल पोटेशियम खनिज पदार्थ तंत्रिका तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।
  • तुलसी में एंटीवायरल एवं एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होता है। माइग्रेन के दर्द में दूध में तुलसी की कुछ पत्तियां उबाल कर पीने से माइग्रेन के दर्द में आराम पहुँचता है।
  • पुदीने की पत्तियों को पानी उबालकर काढ़ा पीने और पुदीने के तेल से माथे की मालिश करने से भी माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है। पुदीने/Peppermint में सूजनरोधी गुण पाया जाता है। इसके तेल को सूँघने या मालिश करने से सर दर्द में राहत मिलती है।
  • कोल्ड और हॉट कॉम्प्रेस करने से माइग्रेन में आराम मिलता है। कोल्ड कॉम्प्रेस करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को आइस बैग या तौलिये में लपेट कर माथे पर 10 मिनट तक रखकर सिकाई करना है। फिर इसके बाद 10 मिनट के लिए हॉट वाटर बैग या तौलिये को गर्म पानी भिगोकर गर्दन के पीछे की और सिकाई करना है। इससे माइग्रेन के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
  • षड्बिन्दु तेल को दोनों नक् के छिद्रों में डालने से माइग्रेन की स्थिति उत्पन्न होने से बचा जा सकता है।

तेल को नाक में डालने की विधि :

  • समतल बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाएँ। इसके बाद गर्दन के नीचे तकिये को इस प्रकार रखें कि नाक के दोनों छिद्र ऊपर की और रहें।
  • फिर षड्बिन्दु तेल की 2 बूँद को ड्रापर के माध्यम से नाक के एक छिद्र में डालें। जैसे हीं तेल नाक के छिद्र में पहुँचे, दूसरे नाक के छिद्र को उँगलियों से बंद करके श्वांस अन्दर की तरफ खींचना है। जिससे तेल कंठ/गले में न जाए।
  • इसी प्रक्रिया को दोबारा दूसरे नाक के छिद्र में तेल डालते हुए अपनाना है।

 

स्त्रोत :

https://www.nhp.gov.in/shaqiqa-migraine_mtl

 

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

 

माइग्रेन के दर्द से राहत कैसे पायें ?

माइग्रेन के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए कैफीन युक्त पेय पदार्थों जैसे कॉफी, चाय, हॉट कोको ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सिर दर्द दूर करने की दवा एस्प्रिन का प्रयोग किया जा सकता है।

 

माइग्रेन के दर्द में कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन

फायदेमंद होता है?

पालक ,केल ,सरसों, और शलजम साग/शाक, बादाम, एवोकैडो, डार्क चॉकलेट, फैटी मछली,अलसी का बीज आदि का सेवन फायदेमंद होता है।

 

क्या  तनाव के कारण माइग्रेन की समस्या पैदा हो

सकती है?

हाँ, अत्यधिक मानसिक तनाव या अवसाद से पीड़ित लोगों में माइग्रेन की समस्या होने की सम्भावना हो सकती है।

 

 

 

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