ब्रह्म कमल एक चमत्कारी औषधीय पौधा है। हिमालय के पर्वतीय इलाको को मनमोहक सुगंध से सराबोर करने वाला यह दिव्य पुष्प औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लगभग 3000 – 5000 मीटर की ऊँचाई पर पर्वतीय ढलानों में प्राकृतिक रूप से उगने वाले इस सुगन्धित पुष्प को उत्तराखंड के राज्य पुष्प होने का दर्जा प्राप्त है। यह वर्ष में एक बार जुलाई से अगस्त माह में रात्रि में खिलता है। इसे शिव जी और नंदादेवी का प्रिय पुष्प माना जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि इस पुष्प को खिलते हुए देखने वाले की सौभाग्य में वृद्धि होती है। पहाड़ों पर इस दिव्य पुष्प को तोड़ने का भी नियम है। इसे केवल नंदा अष्टमी के दिन तोड़ने का रिवाज है। इसे नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए दरवाजे के बाहर टांगने के लिए पहाड़ी जनजातियों द्वारा प्रयोग किया जाता है।
भारत में ब्रह्म कमल की लगभग 60 प्रजातियाँ पायी जाती है। जिनमें से 50 से अधिक प्रजातियाँ हिमालय के पर्वतीय भागों में पायी जाती हैं। उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहब, ब्रजगंगा, रूपकुंड, पिण्डारी से चिफला तक, फूलों की घाटी में ब्रह्म कमल पाया जाता है। भारत के अतिरिक्त म्यांमार और दक्षिणी -पश्चिमी चीन में ब्रह्म कमल की प्रजातियाँ पायी जाती है।
भारतीय परम्परागत चिकत्सीय पद्धति “आयुर्वेद” और तिब्बतीय पारम्परिक चिकित्सा “सोवा-रिग्पा” में ब्रह्म कमल का औषधीय प्रयोग प्रचलन में है। भारत के सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग एवं लद्दाख के पहाड़ी जनजातियों में सदियों से ब्रह्म कमल का उपयोग बुखार, खाँसी – जुखाम, हड्डी जोड़ने, घाव भरने ,पाचन सम्बन्धी रोग आदि अनेक रोगों के उपचार के लिए लिया जाता है। आइये देखे औषधीय गुणों की खान ब्रह्म कमल के औषधीय लाभ की जानकारी।
Other Names of Brahma Kamal ब्रह्म कमल के अन्य नाम
वानस्पतिक नाम – सोसुरिया ओबलाटा (saussurea obvallata)
संस्कृत और हिंदी – ब्रह्म कमल।
उत्तराखंड में कौल पद्म।
हिमाचल में दूधाफूल।
कश्मीर में गलगल।
भारत के उत्तर -पश्चिमी बी इलाकों में बरगनडटोगेस।
अंग्रेजी में किंग ऑफ हिमालयन फ्लावर्स, सेक्रेड सोसुरिया ( sacred saussurea)।
Medicinal Properties औषधीय गुण
jetir.org वेबसाइट में छपे Jeypore college of Pharmacy के अस्सिस्टेंट प्रोफेसर की रिसर्च पेपर के अनुसार –
ब्रह्म कमल के फूल और पत्तियों के अर्क में सैपोनिन्स,फिनोल,टैनिन,टेरपेनोइड्स, फ्लवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड, प्रोटीन एवं एल्कलॉइड रासायनिक यौगिक और एटीओक्सीडेंट एवं एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। जिसके कारण ब्रह्म कमल का उपयोग औषधीय पौधे के रूप में सदियों किया जाता रहा है।
Health Benefits स्वास्थ्य लाभ
भारतीय और तिब्बती पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली में ब्रह्म कमल के औषधीय उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ इस प्रकार हैं :
- ब्रह्म कमल के फूल के अर्क का उपयोग लिवर में सूजन की समस्या के उपचार के लिए किया जाता है।
- इस पौधे के अर्क के सेवन से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है।
- पाचन शक्ति बढ़ाने एवं भूख न लगने की समस्या को दूर करने के लिए पौधे के अर्क का उपयोग किया जाता है।
- पौधे में पायी जाने वाली एंटीमाइक्रोबियल गुण होने के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट डिसऑर्डर (मूत्र के रास्ते में संक्रमण) और यौन संचारित रोगों के उपचार में औषधि का कार्य करता है।
- ब्रह्म कमल के पौधे के अर्क में एंटीवायरल गुण मौजूद होने के कारण मलेरिया बुखार या वायरल संक्रमण से होने वाले बुखार की समस्या को दूर करने में प्रभावी होता है।
- इसके प्रकंद (राइजोम), फूल एवं पत्तियों का उपयोग आँतो से सम्बंधित रोग, हड्डियों के दर्द एवं खाँसी, जुखाम की दवा बनाने में किया जाता है।
- दूधाफूल के प्रकंद में एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है। जिसके कारण प्रकंद के अर्क का उपयोग घाव तथा खरोंच/कटने -फटने से हुए घाव को भरने के लिए मरहम के रूप में किया जाता है।
- इसके सुखी पत्तियों से बने 100 मिली काढ़ा में आधा चम्मच नमक मिलाकर लगाने से चोट, घाव एवं खरोंच के दर्द में आराम मिलता है।
- तिब्बती चिकित्सा पद्धति “अमची” प्रणाली में पौधे का उपयोग अंगों के पक्षाघात (पैरालिसिस) और सेरिब्रल इस्केमिआ ( मस्तिष्क में स्ट्रोक) रोग के उपचार ले किया जाता है।
- इसके जड़ से बने लेप का उपयोग सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के उपचार में किया जाता है।
- ह्रदय सम्बन्धी विकार, चोट और हड्डी टूटने (bone fracture) के उपचार के लिए ब्रह्म कमल के जड़ के काढ़ा में देवदार का तेल मिश्रित करके तेल की भाँति लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- ब्रह्म कमल के फूल और कलियों से बनी औषधि का उपयोग हयड्रोसिल (hydrocele) और प्रजनन सम्बन्धी विकार के उपचार के लिए किया जाता है।
अस्वीकरण :
लेख में दी गयी जानकारी ब्रह्म कमल पर किये गए शोध अध्ययन से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। ब्रह्म कमल की औषधीय जानकारी को शेयर करने का मकसद जड़ी -बूटी के औषधीय प्रयोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। अतः बिना डॉक्टर से परामर्श लिए उपर्युक्त वर्णित रोगों के उपचार के लिए दवा के रूप में ब्रह्म कमल का उपयोग करना स्वास्थ्य सम्बन्धी गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
स्त्रोत :
an important Himalayan medicinal plant
Antioxidant, antimicrobial, and GC-MS profiling of Saussurea obvallata
Brahma Kamal The Himalayan Beauty
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