मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पाए जाने वाले कड़कनाथ कुक्कुट की माँग देश में हीं नहीं विदेशों में भी है। कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे मुख्यतः मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पायी जाती है। अब इस प्रजाति के मुर्गे देश के अन्य प्रदेशों में भी पाए जाने लगे हैं। मध्य प्रदेश में कड़कनाथ को कालिमासी नाम से भी जाना जाता है। इस प्रजाति के कुक्कुट काले रंग के होते है। इनके अंडे और खून का रंग भी काला होता है।
दरअसल कड़कनाथ नस्ल के मुर्गियों के अंडे में प्रोटीन ज्यादा और वसा की कम मात्रा पायी जाती है। जिससे स्वास्थ्य के लिये लाभदायक माना जाता है। सर्दियों में कड़कनाथ की माँग ज्यादा बढ़ जाती है। इसकी बढ़ती माँग को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना के लिए 3 करोड़ रूपये की राशि को मंजूर की गयी है। इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेगा। योजना का संचालन मध्य प्रदेश के चार जिलों में किया जाएगा। आइये जाने योजना की पूरी जानकारी।
कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना का उद्देश्य /Objective
- मध्य प्रदेश की पहचान कड़कनाथ कुक्कुट के संरक्षण और संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से योजना को लागू किया गया है।
- केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी इलाके में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के सहयाग हेतु 3 करोड़ की राशि योजना के मंजूर किया गया है।
- योजना के तहत लाभार्थिय समितियों को 100 वैक्सीनेटेड चूजे निशुल्क प्रदान किये जायेंगे।
- कड़कनाथ कुक्कुट में वसा की मात्रा कम और प्रोटीन एवं अमीनो एसिड की मात्रा अधिक पायी जाती है। जिससे इसके अंडे खाने से शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। यही कारण है, इस प्रजाति के कुक्कुट और अंडे देशी कुक्कुट और अंडे के मुकाबले मँहगे बिकते हैं।
कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना की पात्रता/ Eligibility
- मध्य प्रदेश का मूल निवासी किसान होना चाहिए।
- झाबुआ,धार, बड़वानी और अलीराजपुर जिले के 300 किसानों को योजना का लाभ प्राप्त होगा।
- इन चार जिलों के आदिवासी किसान एवं बीपीएल श्रेणी के किसान योजना के पात्र होंगे।
- आदिवासी महिलाओं की समितियों को योजना का लाभ प्रदान करने में प्राथमिकता दी जायेगी।
कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना की विशेषता/Features
- योजना के अंतर्गत चिन्हित झाबुआ,धार, बड़वानी और अलीराजपुर जिले में 300 समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों के किसानो को हीं योजना का लाभ प्रात होगा।
- योजना के तहत प्रत्येक समिति को 100 कड़कनाथ चूजे निशुल्क दिए जायेंगे।
- इसके साथ हीं कुक्कुट पालन के लिए 28 दिन के हिसाब से दवा, दाना, पानी के लिए बर्तन का खर्च प्रदान किया जाएगा।
- चूजों को पालने से सम्बंधित ट्रेनिंग निशुल्क केंद्र सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाई जायेगी।
- कड़कनाथ चूजों को पालने के लिए एक निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से लाभार्थी को निशुल्क रेडीमेड शेड भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
- योजना के तहत लाभार्थियों को पहले 50 चूजे दिए जायेंगे। फिर इसके 6 महीने बाद 50 चूजे और दिए जायेंगे। इस प्रकार कुल 100 चूजे प्रत्येक सिमिति को दिया जाएगा।
- ये चूजे वैक्सीनेटेड होंगे एवं करीब एक महीने के चूजों का वजन 125 ग्राम से 150 ग्राम के बीच होगा।
- इन चूजों के बड़े होने पर किसान इन्हें पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के पार्लर में बेच कर आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।
कड़कनाथ कुक्कुट पालन योजना आवेदन /एप्लीकेशन प्रोसेस
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने जिले के पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क करना होगा।
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