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अंजीर गर्म तासीर युक्त औषधीय फल है। इस फल को ताजा और सुखा कर दोनों तरह से खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ताजे अंजीर में शर्करा की मात्रा कम पायी जाती है। जबकि सूखे अंजीर में शर्करा की मात्रा अधिक होती है। अंजीर में विटामिन बी 6, विटामिन ए, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन,पेक्टिन फाइबर, आहार फाइबर की मात्रा पाई जाती है। जिसके कारण अंजीर का सेवन करने से कई रोगों में लाभ पहुँचता है।
अंजीर का ज्यादा सेवन शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभ के लिए अंजीर को अलग -अलग तरीके के खाने के लिए उपयोग करने की विधि का मालूम होना भी आवश्यक है। आइये जाने अंजीर सेवन के लाभ, हानि और खाने के तरीके की जानकारी।
Eating Method of Eating Fig अंजीर खाने का तरीका
अंजीर को दिन भर में कभी भी खाया जा सकता है। किन्तु यदि कब्ज की शिकायत हो तो सूखे अंजीर को रात भर पानी में भिगाकर रखने के बाद सुबह खाने के लिए प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद उसके बचे हुए पानी को भी पी लेना चाहिए।
गर्म तासीर का होने के कारण इस फल का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से शरीर के मलद्वार, योनी से रक्त स्त्राव की समस्या भी हो सकती है।
Benefits of eating Figs अंजीर खाने के फायदे
कब्ज में फायदेमंद
अंजीर में आहार फाइबर की मात्रा अधिक पायी जाती है। 50 ग्राम अंजीर में लगभग 1.45 ग्राम फाइबर की मात्रा मौजूद होती है। जिसके कारण पाचन तंत्र के सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है। जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती है और पुराने से पुराने कब्ज की समस्या को भी दूर हो जाती है।
कब्ज दूर करने के लिए खाने का तरीका
- दो अंजीर (100 ग्राम) को रात भर पानी में भीगकर रख दें।
- फिर सुबह अंजीर को पानी से निकाल कर अच्छी तरह चबा कर खाने के बाद बचे हुए पानी को भी पीने के लिए प्रयोग करें।
- इस प्रकार अंजीर का सेवन नियमित रूप से कब्ज ठीक होने तक करना चाहिए।
डायबिटीज रोग में अंजीर खाने के फायदे
अंजीर में पोटेशियम की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। पोटेशियम रक्त में शर्करा की मात्रा के अवशोषण को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिसके कारण अंजीर का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। दरअसल टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों के रक्त में शर्करा/ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में अंजीर की पत्तियों के सेवन से डायबिटीज रक्त में ग्लूकोस का स्तर संतुलित रखने में सहायता मिलती है।
मधुमेह रोग में अंजीर की पत्तियों के सेवन का तरीका
- अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार अंजीर की ताजा पतीयों का सेवन मधुमेह रोगियों की इन्सुलिन के इंजेक्शन पर से निर्भरता को कम करने में सहायक होती है।
- अंजीर की पत्तियों को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर पीने के लिए प्रयोग करना चाहिए।
गले के दर्द में अंजीर के लाभ
अंजीर में सूजन दूर करने के गुण होता है। गले से सम्बंधित विकारों को दूर करने में अंजीर फायदेमंद होता है। सूजन, जलन, खाँसी, टॉन्सिल के कारण होने वाले गले के दर्द अंजीर के फल का लेप लगाने से आराम मिलता है।
गले के दर्द में प्रयोग करने का तरीका
- अंजीर के फल को पीस कर लेप तैयार करें।
- फिर इस लेप को गर्म पानी में मिलाकर मरहम की तरह गले के प्रभावित जगह पर लगाए।
वजन नियंत्रित करने में अंजीर के लाभ
यदि वजन कम करना हो तो ताजे अंजीर का सेवन करना चाहिए। ताजे फल में शर्करा की मात्रा कम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जिसके कारण इसका सेवन सुबह नाश्ते में करने से पेट ज्यादा देर तक भरा महसूस होता है। इससे कम कैलोरी के सेवन से ज्यादा देर तक बिना कुछ खाए रहा जा सकता है। जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके विपरीत वजन बढ़ाने और शरीर में ताकत बढ़ाने में भी अंजीर फायदेमंद होता है।
वजन बढ़ाने/घटाने के लिए अंजीर खाने का तरीका
- वजन बढ़ाने के लिए 50 ग्राम सूखे अंजीर को खाने के बाद एक गिलास दूध पीना चाहिए।
- वजन घटाने के लिए ताजे अंजीर की 50 ग्राम मात्रा एक दिन में सेवन करना चाहिए।
हार्मोन्स के संतुलन में फायदेमंद
महिलाओं में मेनोपोज/रजोनिवृत्ति के दौरान और बाद में हारमोंस का स्तर घटने -बढ़ने का क्रम जारी रहता है। जिसके कारण शरीर की इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। फलस्वरूप महिलाओं के स्तन की कोशिकाओं में कन्सर सेल्स के विक्सित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस खतरे को दूर करने में अंजीर का सेवन लाभदायक होता है। दरअसल अंजीर शरीर में हारमोंस की सक्रियता को बनाए रखने में मददगार होता है।
इसके अतिरिक्त अंजीर के सेवन से मलाशय/कोलन कैंसर का खतरा नहीं रहता है। दरअसल मलद्वार के किसी सेल्स का अनियंत्रित रुप से विकास होना ही कोलन कैंसर को जन्म देता है। चूँकि अंजीर के सेवन से मलाशय में एकत्रित मल असानी से बिना जोर लगाए बहार निकालने में मदद करता है। इसी कारण कोलन कैंसर होने का खतरा नहीं रहता है।।
हड्डियों की मजबूती के लिए अंजीर के फायदे
अंजीर में फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा मौजूद होने के कारण हड्डियों को मजबूत बनाने में अंजीर का सेवन लाभकारी होता है। इसमें मौजूद फॉस्फोरस की मात्रा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास में सहायक होती है। जिससे बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस रोग का खतरा नहीं रहता है।
कोलेस्ट्राल को कम करने में लाभदायक
ताजे अंजीर में पेक्टिन फाइबर की मात्रा पाई जाती है। ये फाइबर रक्त में घुलनशील होने के गुण से युक्त होता है। जिसके कारण अंजीर के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
सूखे अंजीर में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 की ज्यादा मात्रा पाई जाती है। जिसके कारण रक्त में कोलेस्ट्राल के अवशोषण को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिससे इस के सेवन से भी पाचन तंत्र के साथ हीं रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। अतः अंजीर के सेवन से ह्रदय रोग और ब्लडप्रेशर रोग का खतरा कम रहता है।
अस्वीकरण :
लेख में दी गयी जानकारी केवल अंजीर के औषधीय गुणों के प्रति जागरूकता का प्रसार करने के उद्देश्य से जनहित में जारी की गयी है। किसी भी बिमारी से राहत पाने के लिए आहार या औषधि का सेवन बिना वैध /डॉक्टर की सलाह के करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थति, उम्र में भिन्नता पायी जाती है। इसके अतिरिक्त एलर्जी की समस्या की सम्भावना भी हो सकती है। अतः रोगों की औषधि के रूप में अंजीर के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
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स्त्रोत:
Miraculous Properties of Fig and Perspective of Modern Sciences
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