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कब्ज की शिकायत सामान्यतया तनाव, नींद न पूरी होने, जंक फ़ूड या ज्यादा तला हुआ भोजन करने से हो जाती है। इसके अतिरिक्त बीमारी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने से भी कब्ज की शिकायत हो जाती है। वैसे कब्ज की शिकायत कभी -कभार होना आम बात है। किन्तु यदि कब्ज की शिकायत लम्बे समय तक बनी रहे तो गंभीर रोग का कारण बन सकती है।
पेट में कब्ज की समस्या को ठीक करने के लिए गुड़, अंजीर,नींबू, शहद,अंगूर, पालक, अलसी के बीज, सौंफ, अरंडी का तेल और गुलकंद आदि का प्रयोग करना लाभदायक होता है। बस आपको इनका सही इस्तेमाल करने की विधि पता होना चाहिए। आज इस लेख के माध्यम से मैं अपनी दादी द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक बहुत हीं सीक्रेट नुस्खा और स्वयं पर आजमाई हुयी आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे को भी शेयर कर रहीं हूँ। ये दोनों हीं नुस्खे पुरानी से पुरानी कब्ज को ठीक करने में कारगर हैं।
कब्ज दूर करने के लिए Castor Oil/अरंडी
सेवन विधि :
- गुनगुना दूध – 1 कप
- अरंडी का तेल – 1 चम्मच
एक कप गुनगुने दूध में एक बड़े चम्मच अरंडी के तेल को मिलाकर सोने से पहले सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। ये नुस्खा मेरे द्वारा आजमाया हुआ है।
कब्ज की समस्या सप्ताह भर से ज्यादा बनी रहने पर हीं इस नुस्खे का प्रयोग करना चाहिए। इस नुस्खे को चार दिन तक प्रयोग करने पर यदि कब्ज की समस्या बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
सावधानी :
अरंडी के तेल का इस्तेमाल ज्यादा दिनों तक करने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। बच्चों को कब्ज की शिकायत के लिए अरंडी के तेल का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
गुलकंद का सेवन
यदि बार -बार कब्ज की शिकायत हो जाती हो, तो गुलकंद का सेवन नियमित रूप से करना लाभदायक होता है।
सेवन की विधि
भोजन से एक घंटे पहले दो चम्मच गुलकंद का सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं होती है। गुलकंद भोजन पचाने वाले बैक्टीरिया को सक्रीय करने में मदद करता है। जिससे भोजन का पाचन सुचारू रूप से होता है।
गुलकंद का सेवन बच्चे भी कर सकते हैं। इसके सेवन से कब्ज के कारण मुँह में पड़े छाले भी ठीक हो जाते हैं।
गुलकंद को आप बाज़ार से भी खरीद सकते हैं और घर में भी बना सकते हैं। यहाँ मैं अपनी दादी द्वारा गुलकंद तैयार किये जाने वाली विधि को शेयर कर रहीं हूँ। बचपन में दादी को गुलकंद बनाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियाँ मेैं हीं एकत्र करके देती थी। जिसके कारण मुझे गुलकंद बनाने की विधि आज भी याद है।
घर में गुलकंद बनाने की विधि
- गुलाब की पंखुड़ियाँ और चीनी की बराबर मात्रा को मिलाकर काँच की शीशी में डालिए।
- इस शीशी को धूप में रखकर छोड़ दीजिये।
- जब धूप मेंं पकने के बाद चीनी और गुलाब की पंखुड़ियाँ एक में मिलकर मिश्रण की तरह दिखने लगे। तब समझना चाहिए कि गुलकंद खाने के लिए तैयार हो गया है।
कब्ज दूर करने के लिए अलसी के बीज
अलसी के बीज में रेचक गुण (पेट साफ़ करने का गुण) होने के कारण इसके नियमित संतुलित मात्रा में सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। अलसी में फाइबर की मात्रा अधिक पायी जाती है। जिससे पाचन क्रिया में लाभ प्राप्त होता है।
सेवन विधि
अलसी के बीज को भून कर/roast करने के बाद इसका पाउडर तैयार कर लीजिये। अब अलसी के पाउडर को एक चम्मच दाल में मिलाकर भोजन के साथ खाने से कब्ज की समस्या ठीक होती है।
आहार – विहार पर ध्यान देना चाहिए
- इन नुस्खों को प्रयोग करने के साथ – साथ दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पीने की कोशिश करनी चाहिए।
- ज्यादा फाइबर की मात्रा पायी जाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे – अंकुरित अनाज, सोयाबीन, गाजर , खीरा,मूली आदि को सलाद के रूप में भोजन में शामिल करना चाहिए।
- खाली पेट सुबह 1 से दो गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए।
- रात को खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से भी कब्ज की शिकायत दूर होती है।
- रात के भोजन के बाद तुरंत बिस्तर पर लेटने से पहले 100 कदम धीरे -धीरे टहलने से भोजन के पचने में मदद मिलती है।
- सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नीबू का रस मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
- सुबह सूर्य उदय हों इसे आधा घंटे पहले से लेकर आधा घंटे बाद तक टहलने से शरीर निरोगी रहता है। कम से कम तीन किलोमीटर सुबह की सैर करने से तनाव कम होती है। जिससे कब्ज की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
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